लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दिल्ली में कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन को लेकर माथापच्ची जारी है. आम चुनाव के लिए यह गठबंधन हो पाएगा या नहीं दोनों पार्टियों के मंथन के बाद पता चलेगा. माना जा रहा है कि मंगलवार शाम तक दोनों पार्टी चुनाव को लेकर स्थितियां साफ कर देंगी. सोमवार को भी दोनों पार्टियों के बीच इस बाबत बातचीत का दौर चला. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को दिल्ली के नेताओं की एक मीटिंग बुलाई है, जिसमें AAP-कांग्रेस गठबंधन का ऐलान हो सकता है.
सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी शुरू से कांग्रेस के साथ गठबंधन के मुड में रही है, मगर कांग्रेस की दिल्ली टीम नहीं चाहती कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन हो. इसी कारण आम आदमी पार्टी ने बीते दिनों दिल्ली की 6 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के लिए गठबंधन की राहे बंद नहीं की थी. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए दो फॉर्मूले सुझाए हैं. इन फॉर्मूलों के तहत दोनों पार्टी के बीच सीटों को लेकर सौदेबाजी हो सकती है. यह भी पढ़ें- राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर लगाया आरोप, भड़की स्मृति ईरानी ने यूं दिया करारा जवाब, कहा- आपने शिलान्यास नहीं सत्यानाश किया है
आम आदमी पार्टी के पहले फॉर्मूला के तहत AAP चाहती है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी 6 सीटों पर लड़े और कांग्रेस महज एक पर. वहीं दूसरे फॉर्मूला के तहत आम आदमी पार्टी का कहना है कि अगर दिल्ली में कांग्रेस को ज्यादा सीटें चाहिए तो उसे पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में सीट देकर इसकी भरपाई करनी होगी. आप और कांग्रेस की इस मीटिंग के बाद संभव है राहुल गांधी आज बैठक के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर फैसला ले लेंगे.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन चाहता है जबकि कांग्रेस की राज्य इकाई गठबंधन के पक्ष में नहीं है. गठबंधन होने की स्थिति में दिल्ली में लोकसभा की सात सीटों पर चुनाव 3-3-1 के फॉर्मूले पर ही लड़ा जाएगा. जानकारी यह भी सामने आ रही है कि इस फॉर्मूले के तहत दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और पूर्वी दिल्ली से पूर्व सांसद दिल्ली से चुनाव नहीं लड़ेंगे.