लोकसभा चुनाव 2019: एक लंबे समय के बाद रविवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayavati) और एसपी चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक साथ चुनावी अभियान की शुरुआत की. पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के देवबंद (Deoband) में एसपी-बीएसपी (SP-BSP) और आरएलडी गठबंधन (RLD) की पहली संयुक्त रैली में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पार्टी के न्यूनतम आय योजना (न्याय) पर करारा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के 15 लाख रुपए देने वाले वादे की तरह ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress President Rahul Gandhi) का 72 हजार रुपए देने का वादा महज एक चुनावी जुमला है. यहां जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने गरीबी को हटाने का अपना फॉर्मूला भी बताया.
मायावती ने गरीबी हटाने का फॉर्मूला बताते हुए कहा कि अगर केंद्र में हमें सरकार बनाने का मौका मिलता है तो अतिगरीब पिछड़ेपन को दूर करने के लिए हमारी ओर से स्थायी व्यवस्था की जाएगी. सरकारी और गैर सरकारी नौकरियों के जरिए हर व्यक्ति को रोजगार देकर गरीबी की समस्या को दूर किया जाएगा.
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने देश की जनता को अच्छे दिन दिखाने के जो वादे किए थे वो सारे वादे कांग्रेस सरकार की तरह की खोखले निकले. मोदी का गरीबों को 15 लाख रुपए देने वादा और सबका साथ सबका विकास महज एक जुमला ही बनकर रह गया. कांग्रेस भी जनता से ऐसे ही वादे कर रही है, इसलिए इस बहकावे में न आएं. यह भी पढ़ें: 25 साल बाद एक मंच पर एसपी-बीएसपी, देवबंद से मायावती और अखिलेश साधेंगे सियासी समीकरण
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जनता से यह वादा किया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो न्यूनतम आय योजना लागू की जाएगी, जिसके तहत देश के 5 करोड़ परिवार या 25 करोड़ लोगों सालाना 72 हजार रुपए दिए जाएंगे. कांग्रेस के इस चुनावी वादे को मायावती पीएम मोदी के 15 लाख रुपए देने वाले वादे की तरह ही एक जुमला बता रही हैं.