चेन्नई: अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने रविवार को कहा कि चीन ने 15 जून को लद्दाख में भारतीय सैनिकों पर अकारण हमला कर भारत की पीठ में छुरा घोंपा है। मकक्ल नीधि माईम पार्टी (एमएनएम) के संस्थापक ने कहा कि सवाल पूछने का अधिकार लोकतंत्र का सार है.उन्होंने कहा, "यह सेना के लिए अपमानजनक है अगर कोई भी संकेत देता है कि नागरिकों द्वारा े्नसरकार से पूछे गए कुछ प्रासंगिक सवालों से उसका मनोबल हिल जाएगा.हमारी सेना इससे कहीं ज्यादा सख्त है.लेकिन उनके जीवन को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
यहां जारी एक बयान में हासन ने कहा कि महाबलिपुरम शिखर सम्मेलन को लेकर एक कूटनीतिक सफलता का दावा किया गया था. हासन ने कहा, "केवल 8 महीने बाद, चीनी ने हमारे निहत्थे सैनिकों मारकर हमारी पीठ में छुरा घोंपा। अगर यह सरकार की कूटनीति का नतीजा है तो या तो उनकी रणनीति बुरी तरह से विफल हो गई या वे चीन के इरादों को सही ढंग से समझने में विफल रहे. यह भी पढ़े: चीन और भारत की तनातनी को लेकर राहुल गांधी ने साधा प्रधानमंत्री पर निशाना, बोले- नरेंद्र मोदी वास्तव में हैं Surender Modi
उन्होंने कहा कि दोनों मामलों में यह सरकार है जिसे कुछ और सवालों के जवाब देने की जरूरत है.लेकिन हम किसी और दिन के लिए छोड़ देंगे. केंद्र सरकार से यह पूछते हुए कि सीमा पर चीन के हमले को नियंत्रित करने के लिए क्या किया जा रहा है, हासन ने कहा कि कूटनीति विफल होने पर सेना ही अंतिम उपाय है. एमएनएम नेता ने अफवाहों को रोकने के लिए केंद्र सरकार से उस दिन गलवान घाटी में असल में क्या हुआ था, इसका खुलासा करने की मांग की.