नई दिल्ली, 9 अक्टूबर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शनिवार को कहा कि भारतीय तटरक्षक बल ने शुरुआत में छह से कम नावों के साथ शुरुआत की थी और आज उसके पास 150 से अधिक जहाज और 66 विमान हैं, जिससे वह अब दुनिया के प्रमुख समुद्री बलों में से एक बन गया है.
यहां नेशनल स्टेडियम परिसर में अलंकरण समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल द्वारा दिखाए गए मनोबल, उत्साह और ऊर्जा के कारण समुद्री बल का विकास संभव हो पाया है. बल की व्यावसायिकता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी वृद्धि और आत्मविश्वास ने लोगों को कई संकट स्थितियों में मदद की. यह भी पढ़े: प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड में ‘डबल इंजन’ सरकार के विकास कार्यों की सराहना की
समुद्री सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, "हम अपने समुद्रों और उसके मार्गों के कारण समृद्ध और दुनिया से जुड़े हुए हैं. "उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव हमारे त्योहारों, संस्कृति, धर्मों और जीवन शैली में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. राजनाथ सिंह ने तटीय राज्यों के लिए सुरक्षा के महत्व और व्यापक आंतरिक और बाहरी सुरक्षा ढांचे पर भी जोर दिया.
श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट के पास कंटेनर कैरियर एमवी एक्स-प्रेस पर्ल में लगी भीषण आग को बुझाने के लिए बल की प्रदूषण प्रतिक्रिया के संबंध में, उन्होंने तट रक्षक की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस तरह की सेवाओं से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को बढ़ावा देने वाले पर्यावरणीय खतरों से बचने में मदद मिली है. इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने तटरक्षक बल के जवानों को वीरता, मेधावी सेवा पदक प्रदान किए. भारतीय तटरक्षक बल को औपचारिक रूप से 1 फरवरी, 1977 को तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा स्थापित किया गया था। यह रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है.