फारूक अब्दुल्ला का विवादित बयान, कहा- CRPF के जो 40 लोग शहीद हो गए, उसका भी मुझे शक है
फारूक अब्दुल्ला (Photo-PTI)

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. अब्दुल्ला ने 14 फरवरी को पुलवामा में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के काफिले पर हुए हमले में 40 जवानों की शहादत पर भी शंका जाहिर की है. न्यूज एजेंसी ANI की ओर से जारी किए गए वीडियो में अब्दुल्ला ने कहा, 'कितने सिपाही हिंदुस्तान के शहीद हुए छत्तीसगढ़ में? क्या कभी मोदी जी वहां गये उन्हें फूल चढ़ाने के लिए...? कभी उनके खानदानों से हमदर्दों की? या जितने सिपाही यहां मरे उनके लिए कुछ कहा? मगर वो 40 लोग सीआरपीएफ के शहीद हो गए, उसका भी मुझे शक है.'

फारूक अब्दुल्ला ने कहा ने कहा वह मिसाइल जो उसने सैटलाइट को मारने के लिए छोड़ा वह मनमोहन सिंह जी ने तैयार किया था आज इलेक्शन था तो दिखाने के लिए हनुमान जी तशरीफ लाए, उसने बटन दबाया एक बटन गलत दब गया और हेलीकॉप्टर गिर गया हमारे 6 जवान शहीद हो गए. फारूक ने शक्ति मिशन को लेकर भी पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि वास्तव में इसका श्रेय पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को जाना चाहिए. यह भी पढ़ें- मिशन पूर्वोत्तर: असम से पीएम मोदी का बड़ा वार, कहा- चौकीदार से सिर्फ दो लोग परेशान, एक कांग्रेस और दूसरे आतंकवादी

इससे पहले फारूक अब्दुला ने पाकिस्तान स्थित बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक पर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार के दावों पर सवाल किया था. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला था.फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि 'आज कोई राम मंदिर की बात नहीं कर रहा है. बालाकोट में एयर स्ट्राइक के पहले मंदिर, मंदिर, मंदिर... आज राम की बात कौन कर रहा है?

फारुक अब्दुला ने कहा था आज बीजेपी जनता को बता रही है कि यहां एक ऐसा शख्स (पीएम मोदी) हनुमान की तरह है जो पाकिस्तान को मार सकता है. क्या उन्होंने पाकिस्तान को मारा है? मैं ऐसा नहीं मानता.' जम्मू और कश्मीर के पूर्व सीएम अब्दुल्ला ने कहा था कि 'अगर बालाकोट एयर स्ट्राइक में 300 लोग मारे गए है तो क्या इस पर अंतरराष्ट्रीय चिल्लाहट नहीं होगी? और अगर कोई सवाल करता है तो वह पाकिस्तानी है, एंटी नेशनल है.'

बता दें, फारुक अब्दुल्ला श्रीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से वह 2014 का चुनाव हार गए थे, लेकिन इसके बाद 2017 में हुए उपचुनाव में वह जीते थे. घाटी में चुनाव को लेकर फारुक अब्दुल्ला ने कहा था कि सभी दल जम्मू-कश्मीर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के पक्ष में हैं. लोकसभा चुनाव के लिए माहौल अनुकूल है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए क्यों नहीं. स्थानीय पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण हुए, यहां पर्याप्त सुरक्षा बल मौजूद है फिर क्यों विधानसभा चुनाव नहीं हो सकते.