Haryana Assembly Elections 2019: हरियाणा में विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने की संभावना है. हरियाणा में कई पार्टियों के साथ गठबंधन करने में नाकाम रहने के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अकेले ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बता दें कि हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं. बीएसपी के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिशन-75 के लिए सुनहरा मौका नजर आ रहा है. दरअसल, कमजोर दिख रही बीएसपी के चलते बीजेपी को अनुसूचित जाति (SC) के वोटरों को लुभाने का अवसर नजर आ रहा है. बीजेपी ने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मिशन-75 का लक्ष्य रखा है और इसे हासिल करने के लिए 17 एससी सीटों पर पार्टी को बेहतर प्रदर्शन करना होगा.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में बीजेपी ने इन 17 एससी रिजर्व सीटों में से आठ पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी के महासचिव और हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन ने इकनॉमिक टाइम्स अखबार को बताया कि इस बार हम सभी 17 सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. गौरतलब है कि हरियाणा के कुल 19 फीसदी दलित वोटर हैं. 2009 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीएसपी को 6.7 फीसदी वोट मिले थे और दो सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की थी. वहीं, 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीएसपी का वोट शेयर घटकर 4 फीसदी पर आ गया और उसके सिर्फ एक सीट पर जीत मिली. यह भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: दुष्यंत चौटाला की पार्टी JJP ने जारी की 7 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट.
हालांकि बीएसपी ने पहले अजय चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन करने का ऐलान किया लेकिन बात नहीं बनी. उधर, बीजेपी एससी वोटरों को लुभाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. 17 सितंबर को बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अनिल जैन ने हरियाणा के झज्जर के खरखौदा में एक एससी सम्मेलन को संबोधित किया था. अनिल जैन ने बताया कि हमारी पार्टी ने सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक-एक एससी सम्मेलन करने की योजना बनाई है.