जीडीपी में गिरावट पर बोले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे- GDP का कोई महत्व नहीं, भविष्य में इसका बहुत ज्यादा उपयोग नहीं होगा

देश की अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र की मोदी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर बनी हुई है. सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था सुधारने के तमाम दावे किये जा रहे हैं. वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार का पक्ष अक्सर सामने रख रही हैं. इसी बीच झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा ने एक अजीबो गरीब बयान देकर विपक्ष को बोलने का मौका दे दिया है.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली. देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) लगातार विपक्ष के निशाने पर बनी हुई है. सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था सुधारने के तमाम दावे किये जा रहे हैं. वित्त मंत्री (Finance Minister) अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार का पक्ष अक्सर सामने रख रही हैं. इसी बीच झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Bharatiya Janata Party MP Nishikant Dubey) ने लोकसभा (Lok Sabha) ने एक अजीबो गरीब बयान देकर विपक्ष को बोलने का मौका दे दिया है. दुबे ने कहा कि जीडीपी 1934 में आया और इससे पहले कोई जीडीपी नहीं था. केवल जीडीपी (GDP) को  बाइबल (Bible), रामायण (Ramayan) या महाभारत (Mahabharat) मान लेना सत्य नहीं है.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे यही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में जीडीपी (GDP) का कोई बहुत ज्यादा उपयोग भी नहीं होगा. साथ ही आज की नई थ्योरी है कि स्थाई इकोनॉमिक वेलफेयर आम आदमी का हो रहा है. जीडीपी से ज्यादा अहम है कि स्थाई विकास और लोगों को खुशियां मिल रही हैं कि नहीं. यह भी पढ़े-GDP में कमी पर रणदीप सिंह सुरजेवाला का केंद्र सरकार पर बड़ा हमला, कहा- 'गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स' की वजह से जश्न में बीजेपी

जीडीपी गिरने पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- GDP का कोई महत्व नहीं

ज्ञात हो कि इससे पहले खबर आयी कि  देश की आर्थिक विकास दर यानि (GDP) चालू वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में घटकर 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

वही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में माना था कि देश की अर्थव्यवस्था थोड़ी धीमी हुई है.लेकिन उन्होंने इसे मंदी कहने से इनकार कर दिया था.

गौरतलब है कि रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जीडीपी को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि भारत की जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई है. यह 6 साल में किसी तिमाही का सबसे कम जीडीपी आंकड़ा है.सुरजेवाला ने सवाल करते हुए कहा कि फिर भी भारतीय जनता पार्टी जश्न क्यों मना रही है? क्योंकि जीडीपी (गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स) की उनकी समझ दो अंकों के विकास स्तर का सुझाव देती है.

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