नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का 1 महीने से अधिक समय से जारी है. किसान आंदोलन को लेकर देशभर में सियासत गर्म है. इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. प्रियंका गांधी ने कहा, सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए. ये कहना कि ये राजनीतिक साजिश है ये एकदम गलत है. जिस तरह के शब्द ये किसानों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं ये पाप है. किसानों से बात करनी चाहिए और कानून वापस लेने चाहिए.
किसान लंबे समय से कृषि कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसान कड़ाके की सर्दी के बावजूद अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. इस बीच मंगलवार को किसानों के प्रतिनिधिमंडल को केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया है. बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला लेते हुए किसानों ने शनिवार को सरकार को चिट्ठी लिखी थी. किसानों ने मंगलवार 11 बजे मीटिंग करने का वक्त दिया है और कुछ शर्ते भी रखीं है. 136th Foundation Day of Congress: कांग्रेस के स्थापना दिवस से एक दिन पहले ही विदेश रवाना हुए राहुल गांधी.
कृषि कानून वापस ले सरकार:
It is a sin to use the kind of words they are using for farmers. Government is answerable to farmers. Government should listen to them and take back the laws: Congress leader Priyanka Gandhi Vadra on #FarmersProtests pic.twitter.com/QMucLQNtxl
— ANI (@ANI) December 28, 2020
किसानों की मांग है कि सरकार के साथ होने वाली बैठक में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देने पर बात की जाए. इसके साथ ही वायु गुणवत्ता और विद्युत संशोधन बिल को लेकर भी चर्चा हो. बता दें कि किसानों और सरकार के बीच अब तक 5 दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं.
विपक्ष किसान मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है. वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष नए कृषि कानूनों पर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. अब देखना यह होगा कि मंगलवार को होने वाली बातचीत के बाद किसान क्या निर्णय लेते हैं.