एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की ऑफिस को बीएमसी (BMC) की ओर से ढहाये जाने के बाद से खड़ा हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. ठाकरे सरकार की जमकर लोगों ने विपक्षी पार्टियों आलोचना कर रहे हैं. एनसीपी चीफ शरद पवार का एक बयान सामने आया था. जिसमें शरद पवार ने कहा था कि कंगना रनौत की टिप्पणी को नजरअंदाज कर दिया जाना चाहिए था. वहीं, बीएमसी की कर्रवाई पर कहा था कि गैर जरूरी था. जिसके बाद फिर से उद्धव ठाकरे की सरकार सभी के निशाने पर आ गई थी. लेकिन इस विवाद के बाद अब शरद पवार का एक और बयान सामने आया है. जिसमें शरद पवार ने कहा कि राज्य सरकार का इसमें कोई रोल नहीं है. यह निर्णय बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने लिया था.
कंगना के दफ्तर में हुए तोड़फोड़ पर पर NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि बीएमसी ने अपने नियमों का पालन किया. उन्होंने कहा है कि ये महाराष्ट्र सरकार या किसी और का निर्णय नहीं बल्कि हमारा निर्णय है. कंगना रानौत और शिवसेना के बीच तनातनी बकरार है. वहीं इस लड़ाई में कंगना के साथ बीजेपी और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया (RPI) भी कूद गयी है.
ANI का ट्वीट:-
The decision was taken by Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC). State govt had no role in it. BMC did it following its rules and regulations: NCP chief Sharad Pawar on the demolition of actor Kangana Ranaut's office in Mumbai. #Maharashtra pic.twitter.com/kdW6J1DaMv
— ANI (@ANI) September 11, 2020
जबकि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा है कि दाऊद का घर छोड़ दिया जाता है, लेकिन कंगना का तोड़ दिया जाता है. शुक्रवार को बिहार दौरे के लिए रवाना होने से पहले दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार पर कोरोना से नहीं बल्कि कंगना से लड़ने का आरोप लगाया.