आज, भारत के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का 86वां स्थापना दिवस है. इस खास मौके पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सीआरपीएफ के सभी जवानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, "उनका अटूट समर्पण और देश के प्रति निरंतर सेवा सराहनीय है. वे हमेशा साहस और प्रतिबद्धता के उच्चतम मानकों के लिए खड़े रहे हैं. हमारे राष्ट्र को सुरक्षित रखने में उनकी भूमिका भी सर्वोपरि है."
सीआरपीएफ की शुरुआत 27 जुलाई 1939 में "क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस" के रूप में हुई थी. तब राज्यों में राजनीतिक अशांति और अस्थिरता बढ़ रही थी, जिसके लिए एक मजबूत सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. 1936 में ऑल-इंडिया कांग्रेस कमेटी के मदरास प्रस्ताव ने भी इस दिशा में ज़ोर दिया था.
आज़ादी के बाद, सीआरपीएफ ने एक नया रूप धारण किया. 28 दिसंबर 1949 को, संसद के एक अधिनियम के माध्यम से, इसे "केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल" नाम दिया गया. तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सीआरपीएफ को एक बहुआयामी भूमिका निभाने का सपना देखा था, जिससे यह नए स्वतंत्र भारत की आवश्यकताओं को पूरा कर सके.
On the occasion of their Raising Day, my greetings to all @crpfindia personnel. Their unwavering dedication and relentless service to the nation are truly commendable. They have always stood for the highest standards of courage and commitment. Their role in keeping our nation… pic.twitter.com/fQRQvVhzbf
— Narendra Modi (@narendramodi) July 27, 2024
आज, सीआरपीएफ भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन सशस्त्र बलों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह कानून-व्यवस्था बनाए रखने, आतंकवाद विरोधी अभियानों, नक्सलवाद विरोधी अभियानों, और राज्यों की सहायता में विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं. इसका विस्तृत कार्यक्षेत्र देश की आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.
#RaisingDayCRPF #CRPF 27 जुलाई को अपने गत 85 वर्षों के शौर्य, पराक्रम, बलिदान और कर्त्तव्य परायणता से परिपूर्ण गौरवशाली इतिहास का आनंदोत्सव मना रही है।
सभी बल कर्मियों एवं उनके परिजनों को 86वें #सीआरपीएफ स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। pic.twitter.com/UlEMS7JnlD
— 🇮🇳CRPF🇮🇳 (@crpfindia) July 27, 2024
सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस पर, हम इसके समृद्ध इतिहास और भारत की सुरक्षा और स्थिरता के लिए इसकी अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान करते हैं. इस बल की शुरुआत से लेकर आज एक विशाल और विविध संगठन बनने तक की यात्रा, इसकी अनुकूलन क्षमता, लचीलापन और देश सेवा के प्रति समर्पण का प्रमाण है.