नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं. महागठबंधन को राज्य की 40 में से सिर्फ एक सीट मिली है, जबकि राजद का सूपड़ा साफ हो गया है. जिसके बाद से अपना पद राहुल गांधी छोड़ना चाहते हैं. लेकिन खबर यह भी है कि कुछ महीनों के लिए उन्होंने जिम्मेदारी फिर से संभालने को तैयार तो हैं लेकिन विकल्प की तलाश करने को कह दिया है. वहीं हार के बाद कांग्रेस का अंदरूनी संकट बढ़ है. पिछले तीन दिनों से गहलोत पर पायलट राहुल गांधी से मिलना चाहते हैं. लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पा रही है.
सूत्रों की माने तो अपने कुछ नेताओं से राहुल गांधी नाराज है. राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों और मध्यप्रदेश 28 सीटों पर मिली करारी हार के बाद पार्टी के भीतर माथापच्ची तेज हो गई है. इस बात का अंदाजा ऐसे भी लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी से मिलने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मंगलवार को उनके घर पहुंचे थे. लेकिन राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हो पाई. इस दौरान उनसे प्रियंका गांधी बस मिली. वहीं जयपुर से लेकर दिल्ली तक चल रही आंतरिक खींचतान के बीच गहलोत और पायलट खेमा एक्टिव हो गया है.
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गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्यप्रदेश में पार्टी के सफाये को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी. सूत्रों के हवाले से आई खबरों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया.