रायपुर: कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के बजाय मतपत्र से चुनाव कराए जाने की मांग को दोहराते हुए कहा है कि चुनाव आयोग ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर इतना सुरक्षात्मक क्यों है, जबकि जनता का इस प्रक्रिया से भरोसा उठा गया है. तिवारी ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि सवाल यह नहीं है कि ईवीएम सुरक्षित है कि नहीं बल्कि सवाल यह है कि देश की जनता को ईवीएम पर भरोसा है कि नहीं. लोकतंत्र एक भरोसे की प्रणाली है और आज भारत की जनता का विश्वास ईवीएम से उठ चुका है. चाहे वीवीपीएटी लगा लीजिए, या चाहे सीपीपीपीएटी या अन्य पीएटी लगा लीजिए.हमें तो यह बात समझ नहीं आती है कि चुनाव आयोग ईवीएम को लेकर इतना सुरक्षात्मक क्यों है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार चुनाव आयोग को पूरी शक्ति दी गई है. लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया में केवल चुनाव आयोग ही अकेले स्टेकहोल्डर नहीं है. सवाल यह नहीं है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है या नहीं.
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सवाल यह है कि लोगों के मन में आशंका है कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है. और यह पर्याप्त कारण है कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा का चुनाव मतपत्र से कराए जाएं. तिवारी ने केंद्र सरकार पर अरोप लगाया कि पेट्रोलियम पदार्थों पर विभिन्न कर लगाकर जनता से 11 लाख करोड़ रूपए की लूट की गई है. उन्होंने कहा कि मई 2014 से आज तक मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल और डीज़ल पर भारी भरकम टैक्स लगाकर जनता की जेब से 52 महीनों में 11 लाख करोड़ रूपए लुटा गया है.
तिवारी ने कहा कि अभी देश में पेट्रोल, डीजल और गैस सिलेंडर की कीमत सबसे ज्यादा है. यह अब तक की सबसे ज्यादा कीमत है. रसोई गैस की आसमान छूती कीमतों ने घर का बजट बिगाड़ दिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के सवाल पर तिवारी ने कहा कि भारत की लोकतांत्रितक प्रणाली प्रेसिडेंशियल नहीं है बल्कि प्राइम मिनिस्ट्रियल है. और उसमें लोक सभा क्षेत्रों में अलग अलग चुनाव होता है,
और जब चुनाव संपन्न हो जाता है तब सबसे बड़ी पार्टी या सबसे बड़ा गठबंधन प्रधानमंत्री उम्मीदवार को तय करता है. जब यह सवाल पूछा जाता है कि आपका प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है तब यह सवाल भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली के बिल्कुल विपरीत है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव प्रचार की अगुवाई राहुल गांधी करेंगे और प्रधानमंत्री का चयन जब चुनाव संपन्न हो जाएगा तब होगा.
मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक फायदे के लिए चुनाव के समय राम मंदिर का मुद्दा उठाती है. तिवारी ने कहा कि पिछले 26 वर्ष से भाजपा को केवल चुनाव के समय ही राम मंदिर की याद आती है. आप पाएंगे की भाजपा ने प्रत्येक चुनाव के दौरान राम मंदिर का मुद्दा उठाया है. हालांकि उन्हें न तो राम पर विश्वास है न ही मंदिर पर. उन्हें केवल भगवान के नाम पर वोट मिलने पर ही भरोसा है.