नई दिल्ली: पीएम मोदी (PM Modi) शनिवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वें जन्मदिवस के अवसर पर पराक्रम दिवस समारोह में शामिल पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को भी आमंत्रित किया गया था. इस बीच जब वह मंच की माइक पर कुछ बोलने के लिए पहुंचती कि इससे पहले मंच के नीचे से 'जय श्री राम' के नारे लगाने पर वह भड़क गई और स्पीच ना देकर वापस आ गई. वहीं पीएम मोदी के कार्यक्रम में जयश्री राम’ के नारे को लेकर पश्चिम बंगाल में घमासान मच गया है. बीजेपी और टीएमसी सामने सामने आ गई.
ममता बनर्जी के जय श्री राम के नारे पर भड़कने पर बीजेपी नेता कैलाश विजय वर्गीय (kailash Vijayvargiya) ने चुटकी ली हैं. उन्होंने टीएमसी प्रमुख के इस व्यवहार पर उनके स्टेज पर दिए गए बयान के वीडियो को शेयर करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा "जय श्रीराम के नारे से स्वागत, ममताजी अपमान मानती है. कैसी राजनीति है!" यह भी पढ़े: Prakram Divas: विक्टोरिया मेमोरियल में रंगारंग कार्यक्राम, पीएम मोदी हुए भावुक तो नारेबाजी से खफा हुईं सीएम ममता बनर्जी
जय श्रीराम के नारे से स्वागत
ममताजी अपमान मानती है।
कैसी राजनीति है! pic.twitter.com/fbeOReuJU2
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) January 23, 2021
वहीं टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने सीएम ममता बनर्जी के बयान का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, उन्होंने लिखा "राम का नाम गले लगाके बोले ना कि गला दबाके. मैं स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती समारोह की विरासत को मनाने के लिए सरकारी कार्यों में राजनीतिक और धार्मिक नारों की जोरदार निंदा करती हूं."
राम का नाम गले लगाके बोले ना कि गला दबाके । 🙏
I strongly condemn shouting of political and religious slogans at Government Functions to celebrate legacy of Freedom Fighter Netaji Subhash Chandra Bose on his 125th birth anniversary celebrations. #SaveBengalFromBJP #Shame
— Nusrat Jahan Ruhi (@nusratchirps) January 23, 2021
बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस के अवसर पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में ममता बनर्जी को संबोधन के लिए बुलाया गया था. इस बीच वे जैसे ही स्टेज की माइक के पास पहुंची जय श्री राम का नारा लगने लगा. जिस पर ममता बनर्जी भड़क गई. उन्होंने कह मुझे लगता है कि सरकार के कार्यक्रम में गरिमा होनी चाहिए. यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. किसी को आमंत्रित करने के बाद अपमान करना शोभा नहीं देता.