भोपाल: झीलों के शहर भोपाल (Bhopal) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के मद्देनजर इस बार जमकर सियासत हुई. दरअसल इसकी वजह यहां से चुनावी रण में उतरे बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पाल लोकसभा सीट से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ खड़े हैं. हालांकि भोपाल संसदीय क्षेत्र बीजेपी का गढ़ समझा जाता है. यहां साल 1989 से तमाम दांव पेंच लगाने के बावजूद भी कांग्रेस जीत नहीं सकी.
भोपाल का 2014 में हाल-
आलोक संजर (बीजेपी)- 7 लाख 14 हजार 178 वोट
प्रकाश मंगीलाल शर्मा (कांग्रेस)- 3 लाख 43 हजार 482 वोट
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पिछले 8 चुनावों से सिर्फ बीजेपी जीत रही है. यहां 30 सालों से कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई है. भोपाल निर्वाचन क्षेत्र के जातीय समीकरण को देखा जाए तो यहां की 15.38 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति, जबकि 2.79 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. भोपाल संसदीय क्षेत्र में 19.50 लाख मतदाता हैं. इसमें चार लाख मुस्लिम, साढ़े तीन लाख ब्राह्मण, साढ़े चार लाख पिछड़ा वर्ग, दो लाख कायस्थ, सवा लाख क्षत्रिय वर्ग से हैं.
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान 15 साल बाद सूबे की सत्ता में लौटी कांग्रेस का उत्साह मौजूदा लोकसभा चुनावों में उफान पर है. सात चरणों में निर्धारित लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल को शुरू हुआ था और 19 मई को समाप्त होगा, जबकि वोटो की गिनती 23 मई को होगी.