Amit Shah On Manipur Violence: अविश्वास प्रस्ताव पर बात करते हुए लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है. हमें भी दुख है. जो घटनाएं वहां हुई वो शर्मनाक है, लेकिन उसपर राजनीति करना और भी ज्यादा शर्मनाक. ये भ्रम फैलाया गया कि सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहती. हम पहले दिन से चर्चा पर तैयार थे, विपक्ष चर्चा नहीं हंगामा चाहता था.
मणिपुर की नस्लीय हिंसाओं को लोगों को समझना होगा. करीब छह साल से मणिपुर में बीजेपी की सरकार है. एक दिन भी वहां कर्फ्यू नहीं लगाना पड़ा. उग्रवादी हिंसा करीब-करीब खत्म हो गई. 2021 में पड़ोसी देश म्यांमार में सत्ता परिवर्तन हुआ. वहां लोकतांत्रिक सरकार गिर गई और मिलिट्री का शासन आ गया. इस बीच वहां कुकी डेमोक्रेटिक फ्रंट ने लोकतंत्र के लिए आंदोलन शुरू किया. फिर वहां की सेना ने इनपर दबाव बनाना शुरू किया. VIDEO: कश्मीर में अब आतंकियों का जनाजा नहीं निकलता है, जहां मारे जाते हैं वहीं दफन कर दिए जाते हैं: संसद में बोले अमित शाह
ऐसे में कुकी लोग वहां से शरणार्थियों बनकर मिजोरम और मणिपुर आने लगे. हमने वहां आए शरणार्थियों परिचय पत्र बनवाया गया. थंब और आई इंप्रेशन लिया गया. इनको वोटर लिस्ट और आधार कार्ड की नेगेटिव लिस्ट में डाला गया.
#WATCH | I agree that there have been incidents of violence in Manipur. No one can support such incidents. Doing politics on these incidents is shameful: Home Minister Amit Shah on violence in Manipur pic.twitter.com/9qaP8s59PV
— ANI (@ANI) August 9, 2023
नॉर्थ ईस्ट राज्यों पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि अब वहां हिंसक घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने आगे कहा कि देश में ऐसे भी पीएम रहे हैं जो अपने 15-18 साल के कार्यकाल में एक बार भी नॉर्थ ईस्ट नहीं गए, बावजूद इसके विपक्षी दलों को उनपर नाज है. वहीं पीएम मोदी 9 साल में 50 से ज्यादा बार नॉर्थ ईस्ट गए हैं.