लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, हम हुर्रियत, जमीयत और पाकिस्तान से नहीं बल्कि कश्मीर घाटी के युवाओं से बात करेंगे. कश्मीर में अब आतंकियों का जनाजा नहीं निकलता है, वे जहां मारे जाते हैं वहीं दफन कर दिए जाते हैं.

अमित शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 नेहरू की भूल थी, जिसे मोदी ने हटाया. इसके साथ कश्मीर के अंदर से दो झंडे, दो संविधान खत्म हुए और भारत के साथ इसका पूरा जुड़ाव हुआ.

शाह ने आगे कहा कि उन्होंने विपक्ष से जुड़े एक NGO की रिपोर्ट देखी थी. उसमें लिखा था कि समस्या सुलझाने के लिए हुर्रियत से चर्चा करो. जमीयत से चर्चा करो, पाकिस्तान से चर्चा करो. हम इनमें से किसी से भी चर्चा नहीं करेंगे. हम चर्चा करेंगे तो घाटी की जनता से करेंगे. वो हमारे अपने हैं. अब कश्मीर में किसी आतंकी का जनाजा नहीं निकाला जाता है, क्योंकि जिसको जहां मारा जाता है, वहीं दफन कर दिया जाता है.

विपक्ष कहता है कि वह लोकतंत्र में यकीन करता  है. लेकिन यह वहीं देखता कि कश्मीर पर शासन किसने किया. कश्मीर पर तीन परिवारों ने शासन किया. महबूबा मुफ्ती,फारुख परिवार और गांधी परिवार. लेकिन किसी ने पंचायत चुनाव नहीं करवाए. 2018-19 में NDA सरकार ने इसे करवाया. शाह बोले कि पत्थरबाजी की घटनाएं भी अब कम हुई हैं.

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