नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा है कि देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) जिस प्रकार से देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कठोर परिश्रम कर रहे थे पूरा देश उसका गवाह है. मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना (Saryu Canal National Project) का उद़घाटन करने के मौके पर कहा कि आज पूरा देश उनके निधन से सदमे में है लेकिन इस दर्द के बावजूद हम शांति और प्रगति की अपनी यात्रा को जारी रखेंगे और भारत कभी नहीं रूकेगा. पंचतत्व में विलीन होने के बाद CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी की अस्थियां कल गंगा में प्रवाहित की जाएंगी
उन्होंने कहा कि जनरल रावत आने वाले दिनों में अपने भारत को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ता हुआ देखेंगे और देश की सीमाओं की रक्षा में सुधार तथा सीमाओं पर आधारभूत ढांचे के काम को मजबूती देने का अभियान आगे भी जारी रहेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह के जीवन को बचाने के लिए चिकित्सक अथक प्रयास कर रहे हैं और मेरी भगवान से प्रार्थना है कि वह उनके जीवन की रक्षा करे. पूरा देश आज वरूण सिंह तथा बुधवार को हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए जाबांज वीरों के परिवारों के साथ है.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश की नदियों के जल के उपयुक्त इस्तेमाल और इसे पर्याप्त मात्रा में किसानों के खेतों तक पहुंचाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का पूरा होना इस बात का प्रतीक है कि अगर आपकी सोच ईमानदार है तो इसका परिणाम भी बेहतर ही आता है. उन्होंने कहा कि देश में सरयू नहर परियोजना में पिछले पांच दशकों में जो काम किया गया है हमने पांच वर्ष से भी कम समय उससे अधिक काम कर दिखाया है. यह दो इंजन वाली सरकार के काम की रफ्तार है और हमारी प्राथमिकता परियोजना को समय पर पूरा करना है.
उन्होंने कहा अगर यह सरकार का धन है तो मुझे इसकी परवाह क्यों करनी चाहिए?, सही सोच देश के संतुलित और सर्वागीण विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा के रूप में उभर कर सामने आई है और इसी सोच ने सरयू नहर परियोजना को इतने लंबे समय तक लटका कर रखा था.
उन्होंने उन परियोजनाओं का भी जिक्र किया जिन्हें केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने पूरा किया है और इनमें बाण सागर परियोजना, अर्जुन सहायक सिंचाई परियोजना, एम्स और गोरखपुर में ऊर्वरक संयंत्र कारखाना शामिल हैं जो काफी लंबे समय से लंबित थी लेकिन इन्हें अब पूरा कर लिया गया है.
उन्होंने कहा कि केन बेतवा परियोजना सरकार की एक प्रतिबद्वता है और 45000 करोड़ रुपए की इस परियोजना को मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में मंजूरी दी गई थी. उन्होंने कहा कि इससे पहले मफिया को संरक्षण मिला करता था लेकिन अब ऐसे लोगों का सफाया किया जा रहा है और यह अंतर साफ दिखाई पड़ता है.