चंडीगढ़: लंबे समय के इंतजार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे राष्ट्र को समर्पित किया. यह कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के नाम से भी जाना जाता है. इसके आलावा पीएम मोदी ने हरियाणा के सुल्तानपुर में एक जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने केएमपी प्रोजेक्ट के तैयार होने में 15 साल का समय लगने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए जमकर हमला बोला.
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र में पिछली सरकार में हुई देरी के कारण वर्षों से यह परियोजना लटकी हुई थी. पीएम ने कहा “आज का ये अवसर दो तस्वीरों को याद करने का भी है. एक तस्वीर वर्तमान की है. ये तस्वीर बीजेपी सरकारों की कार्यसंस्कृति की है, हमारे काम करने के तरीके की है. वहीं दूसरी तस्वीर हमें पहले की सरकार के समय में कैसे काम होता था, इसकी याद दिलाती है.”
“वो तस्वीर याद दिलाती है कि इस एक्सप्रेसवे पर 12 साल से काम चल रहा था. वो तस्वीर याद दिलाती है कि ये एक्सप्रेसवे आपको 8-9 साल पहले ही मिल जाना चाहिए था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.. पहले की सरकारों के जो तौर-तरीके थे, उसने इस एक्सप्रेसवे को पूरा होने में 12 साल लगा दिए.”
अभी कुण्डली- मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे को देश को समर्पित करने का मौका मिला है।
इसका पहला चरण 2 वर्ष पहले पूरा हो गया था।
दूसरा चरण, जो कुण्डली से मानेसर तक, 83 किलोमीटर लंबा है, उसका आज लोकार्पण किया गया है।
इसके साथ ही अब 135 km का ये एक्सप्रेसवे पूरा हो गया है: PMA
— PMO India (@PMOIndia) November 19, 2018
उन्होंने आगे कहा “इस एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल कामनवेल्थ गेम्स में होना था। लेकिन कामनवेल्थ खेल जो गति की गई, वही कहानी इस एक्सप्रेस वे की भी है. मुझे ध्यान है कि जब प्रगति की बैठकों में मैंने इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करनी शुरु की थी, तो कितने सारे पेंच पता चले थे.”
“पहले की सरकार में जिस तरह काम हुआ, वो एक केस स्टडी है कि कैसे जनता के पैसे को बर्बाद किया जाता है. जब ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, तो अनुमान लगाया गया था कि इस पर 1200 करोड़ रुपए खर्च होंगे. आज इतने वर्षों की देरी की वजह से इसकी लागत बढ़कर 3 गुना से ज्यादा हो गई.”
पीएम मोदी ने कहा “लोग वहीं हैं, काम करने वाले वही हैं, लेकिन जब इच्छाशक्ति हो, संकल्पशक्ति हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. यही वजह है कि जहां साल 2014 से पहले देश में एक दिन में सिर्फ 12 किलोमीटर हाईवे बनते थे, आज लगभग 27 किलोमीटर हाईवे का प्रतिदिन निर्माण हो रहा है.”
आज का ये अवसर दो तस्वीरों को याद करने का भी है।
एक तस्वीर वर्तमान की है।
ये तस्वीर भाजपा सरकारों की कार्यसंस्कृति की है, हमारे काम करने के तरीके की है।
वहीं दूसरी तस्वीर हमें पहले की सरकार के समय में कैसे काम होता था, इसकी याद दिलाती है: PM
— PMO India (@PMOIndia) November 19, 2018
केएमपी दिल्लीवासियों के लिए वरदान साबित हो सकता है. इसके चालू होने से दिल्ली-एनसीआर में विकास के नए द्वार खुलेंगे. 135 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे 6,400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है. कुंडली से मानेसर तक एक्सप्रेस वे की लंबाई 83 किलोमीटर है. इस रास्ते में 14 बड़े-छोटे पुल, 56 अंडरपास, सात इंटरसेक्शन और सात टोल प्लाजा हैं.
पहले की सरकार में जिस तरह काम हुआ, वो एक केस स्टडी है कि कैसे जनता के पैसे को बर्बाद किया जाता है।
जब ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, तो अनुमान लगाया गया था कि इस पर 1200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
आज इतने वर्षों की देरी की वजह से इसकी लागत बढ़कर 3 गुना से ज्यादा हो गई: PM
— PMO India (@PMOIndia) November 19, 2018
बता दें कि केएमपी का निर्माण 2006 में शुरू हो गया था, लेकिन पिछली सरकार 2014 तक इसे पूरा नहीं कर पाई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केएमपी पर कार्य दोबारा शुरू हुआ और यह फरवरी 2019 में पूरा होने वाला था. लेकिन यह अपने निर्धारित समय से चार महीने पहले ही तैयार हो गया.