
नर्मदापुरम, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम के पिपरिया के शहीद भगतसिंह शासकीय कॉलेज से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल यहां पर दूसरी यूनिवर्सिटी से आई हुई एग्जाम की आंसर शीट को चपरासी से चेक करवाया गया. चपरासी के आंसर शीट चेक करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया.
जानकारी के मुताबिक़ बरकतुल्ला विश्वविद्यालय ने हिंदी विषय की आंसर शीट इस कॉलेज में मूल्यांकन के लिए भेजी थीं. इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कॉलेज का चपरासी पन्नालाल पठारिया आंसर शीट को चेक करता नजर आया. इस घटना के बाद काफी हंगामा मच गया.इस वीडियो को सोशल मीडिया X पर @newscapsule_ नाम के हैंडल से शेयर किया गया है.ये भी पढ़े:Video: छात्रों की सेहत के साथ खिलवाड़, स्कूल के Mid Day Meal में दी जानेवाली चॉकलेट में निकली इल्लियां, धुले जिले के जिला परिषद की स्कूल में लापरवाही
आंसर शीट चपरासी ने की चेक
प्रोफेसर बीमार थी तो चपरासी ने जांच दी यूनिवर्सिटी एग्ज़ाम की कॉपियां, 5000 रुपए भी मिलें.#MadhyaPradesh #ViralVideo #Peon #Exam pic.twitter.com/OLTKkAJwiu
— News Capsule (@newscapsule_) April 8, 2025
क्या है पूरा मामला?
भोपाल के बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी के बीए के हिंदी पेपर्स को नर्मदापुरम के शहीद भगत सिंह शासकीय पीजी महाविद्यालय, पिपरिया में चेक करने के लिए भेजा गया था. लेकिन गेस्ट लेक्चरर की जगह इन कॉपियों को चपरासी ने चेक कर दिया. उसने हर आंसर शीट में अपने मन मुताबिक नंबर्स दिए. जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर हुआ तो हंगामा ही मच गया. तत्काल इसपर कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश मिले जिसके बाद प्रभारी प्रिंसिपल को तत्काल निलंबित कर दिया गया.
जांच के लिए आई थी हिंदी की कॉपियां
कॉपियों को गेस्ट लेक्चरर खुशबू पगारे द्वारा चेक किया जाना था. लेकिन खुशबू ने बुक लिफ्टर राकेश कुमार मेहर को सात हजार देकर कॉपियां किसी और से चेक करवाने का सौदा कर लिया. इसके बाद कॉलेज के चपरासी पन्नालाल ने पांच हजार लेकर खुद ही सारे पैसे बचाने के चक्कर में कॉपियां चेक कर डाली.
वीडियो सामने आने के बाद मच गया हंगामा
जब सोशल मीडिया पर चपरासी द्वारा कॉपियां चेक करने का वीडियो सामने आया तो हंगामा मच गया. जांच टीम ने पाया कि कॉलेज के चपरासी पन्नालाल पठारिया ने ही कॉपी चेक की थी. इसके बाद प्रारंभिक जांच के आधार पर दोषी प्राध्यापकों के साथ ही साथ चपरासी और गेस्ट टीचर के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं.