हैदराबाद, 7 अगस्त: क्रांतिकारी गीतकार गदर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करने के तेलंगाना सरकार के फैसले की आतंकवाद विरोधी मंच (एटीएफ) ने आलोचना की है संगठन ने आरोप लगाया कि सरकार का यह कदम नक्सलवाद (माओवाद) के खिलाफ लड़ाई में शहीद हुए पुलिस कर्मियों और नागरिकों का अपमान है. यह भी पढ़े: Revolutionary Singer, Activist Gaddar Passes Away In Hyderabad: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने क्रांतिकारी गदर के निधन पर शोक जताया
एटीएफ सचिव रविनुथला शशिधर ने कहा कि गदर ने अपने क्रांतिकारी गीतों से युवाओं को माओवादी आंदोलन की ओर आकर्षित किया माओवादियों ने लोकतंत्र के विरुद्ध हथियार उठाकर हजारों पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी उन्होंने आम नागरिकों और राष्ट्रवादियों को भी निशाना बनाया
शशिधर ने एक बयान में कहा कि गदर ने अपनी कविता के माध्यम से युवाओं को राष्ट्र-विरोधी बनने और लोकतंत्र के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष करने के लिए तैयार किया और ऐसे व्यक्ति का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का तेलंगाना सरकार का निर्णय निंदा के योग्य है.
एटीएफ नेता ने कहा कि राज्य सरकार का फैसला उन पुलिस शहीदों का अपमान है, जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी जान दे दी उनका यह भी मानना है कि इस फैसले से पुलिस बल के मनोबल पर असर पड़ेगा.
शशिधर ने कहा कि सरकार के फैसले से पुलिस शहीदों के परिवार परेशान होंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि पुलिस ऑफिसर्स एसोसिएशन को भी अपना मुंह खोलना चाहिए और सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इसे किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए यदि अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है, तो इसका मतलब पुलिस बल को माओवाद को सलाम करना होगा.