गडचिरोली जिले के सात गांवों ने नक्सलवादियो के गांव में प्रवेश पर पाबंदी लगाई है. भामरागढ़ तहसील के इन गांवों के लोगों ने एकसाथ आकर ये निर्णय लिया है. ऐसा प्रस्ताव भी धोड़राज पुलिस स्टेशन के प्रभारी को दिया गया है. ये सात गांव गडचिरोली जिले के आखरी में अबुझमाड के परिसर में है. इस गांव में नक्सलवादियो का वर्चस्व था, इसके साथ ही गांव के कुछ लोग भी नक्सलवादियो को समर्थन देते थे.
जिसके कारण जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को उनतक पहुंचने में परेशानी होती थी. पिछले तीन वर्षों से गडचिरोली पुलिस दल, पुलिस दादालोरा खिड़की के माध्यम से ' प्रोजेक्ट उड़ान ' के तहत जनजागृति सम्मेलन , दिव्यांग सम्मेलन , कृषि पिकनिक , कृषि सम्मेलन , स्वास्थ सम्मेलन , महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया. गांवों तक सरकार की योजनाएं पहुंचने के कारण पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा. सात गांवों की ओर से लिए गए इस ऐतिहासिक फैसले के लिए उपअधीक्षक अमर मोहिते, धोड़राज के प्रभारी अधिकारी शरद काकळीज ने पहल की. ये भी पढ़े :Amravati Police Torture Women: चोरी के आरोप में महिला के साथ अमरावती पुलिस ने की अमानवीय मारपीट, इलेक्ट्रिक शॉक देने का भी पीड़िता ने लगाया आरोप
गांवों के लोगों ने रखी हुई शर्ते
किसी भी नक्सलवादी को भोजन, राशन और पानी गांव की तरफ से नहीं दिया जाएगा. उन्हें किसी भी तरह की कोई भी मदद नहीं की जाएगी.गांव के लोग खुद और उनके बच्चों को किसी भी तरह के नक्सलवादी संघटना में सहभागी नहीं होने देंगे. उनके किसी भी प्रकार के काम और प्रशिक्षण नहीं करेंगे.नक्सलवादियों की बैठक में नहीं जाएंगे.
उनके झूठे प्रचार से भ्रमित नहीं होंगे. ऐसा प्रस्ताव में लिखा है.धोडराज हद में आनेवाले गांवों ने नक्सल बंदी करने के कारण मिडदापल्ली गांवों के लोगों ने जंगल परिसर में पुलिस टीम के लिए बनाएं गए गड्डे बुझाकर , उसमें से लोहे की सलाखें निकालकर पुलिस को दी. इस अभियान में आसपास के गांवों ने भी सहयोग करने की हामी भरी है.