नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा चारों दोषियों में से एक अक्षय कुमार की रिव्यू पिटीशन को खारिज किए जाने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों को जल्द फांसी दिए जाने की अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई. हालांकि सुनवाई टल गई है. इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आयी है. निर्भया के दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में से एक ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करते हुए दावा किया कि वह दिसंबर 2012 में अपराध के समय नाबालिग था. दोषी पवन कुमार गुप्ता की याचिका को बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है. घटना के समय नाबालिग घोषित करने का अनुरोध करते हुए पवन ने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच नहीं की. उसने जुवेनाइल जस्टिस कानून के तहत छूट का दावा किया.
उसने अपनी याचिका में कहा कि जेजे कानून की धारा 7ए में प्रावधान है कि नाबालिग होने का दावा किसी भी अदालत में किया जा सकता है और इस मुद्दे को किसी भी समय यहां तक कि मामले के अंतिम निपटारे के बाद भी उठाया जा सकता है. यह भी पढ़े-Nirbhaya Gangrape Case: फांसी पर फैसला टलने पर रो पड़ीं निर्भया की मां आशा देवी, कहा- कोर्ट सिर्फ दोषियों के अधिकार देख रहा
निर्भया गैंगरेप केस: दोषी पवन गुप्ता ने घटना के समय नाबालिग होने का किया दावा-
Pawan Kumar Gupta, one of the convicts in Nirbhaya case, moves Delhi HC claiming that he was a juvenile at the time of the offence in December 2012 and his ossification test was not done at that point and should be given the benefit of that. The matter to be heard tomorrow. pic.twitter.com/xGzz5FEUOa
— ANI (@ANI) December 18, 2019
पवन को मौत की सजा सुनाई गई है और वह तिहाड़ जेल में बंद है। उसने अनुरोध किया कि संबंधित प्राधिकरण को उसके नाबालिग होने के दावे का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच करने का निर्देश दिया जाए. पवन के अलावा मामले में तीन अन्य दोषी मुकेश, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)