मुंबई: नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाने को अवैध करार दिया है. NCLAT ने साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के एग्जिक्युटिव चेयरमैन के पद पर बहाल करने का आदेश दिया है. NCLAT ने कहा कि मिस्त्री फिर से टाटा सन्स के एग्जिक्युटिव चेयरमैन नियुक्त किए जाएं. इसके साथ NCLAT ने एन चंद्रशेखरन के इस पद पर नियुक्ति को भी गैरकानूनी बताया. साइरस मिस्त्री के लिए यह एक बड़ी जीत है. इसके बाद वे तीन साल के बाद एक बार फिर से टाटा सन्स के चेयरमैन बनेंगे.
NCLAT के फैसले के खिलाफ अपील के लिए टाटा सन्स ने 4 हफ्ते का वक्त मांगा है. एनसीएलएटी ने इसकी मंजूरी दे दी. NCLAT द्वारा दिए गए बहाली के आदेश को चार सप्ताह बाद अमल में लाया जाएगा. टाटा सन्स को अपील करने के लिए यह समय दिया गया है.
साइरस मिस्त्री को फिर चेयरमैन बनाने का आदेश
National Company Law Appellate Tribunal(NCLAT) allows the plea of Cyrus Mistry and reinstated him as Chairman of Tata Sons. NCLAT set aside the board order of October 24(2017) which had removed Mistry as Chairman. NCLAT also said that Mistry's removal was illegal. (file pic) pic.twitter.com/to8UNVsEmI
— ANI (@ANI) December 18, 2019
बता दें कि सायरस मिस्त्री 24 अक्टूबर 2016 में टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाए गए थे. रतन टाटा कैम्प और कंपनी बोर्ड ने साइरस मिस्त्री पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर उन्हें बाहर कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने साइरस को ग्रुप की अन्य कंपनियों से भी बाहर निकलने के लिए कहा था. इसके बाद साइरस मिस्त्री ने ग्रुप की 6 कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा तो दे दिया लेकिन उन्होंने टाटा सन्स और रतन टाटा को NCLAT में घसीटा.
सायरस मिस्त्री दिसंबर, 2012 में टाटा सन्स के चेयरमैन बने थे. सायरस मिस्त्री चेयरमैन बनने वाले टाटा परिवार से बाहर के दूसरे व्यक्ति थे. टाटा ग्रुप बताया था, साइरस मिस्त्री को इसलिए निकाला गया क्योंकि बोर्ड उनके प्रति विश्वास खो चुका था. मिस्त्री पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने जानबूझकर कंपनी को नुकसान पहुंचाने की नीयत से कंपनी की संवेदनशील जानकारी लीक की.