नई दिल्ली: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) के शिलान्यास कार्यक्रम में जाने का पाकिस्तान (Pakistan) का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. इसके लिए पंजाब के कैबिनेट मंत्री सिद्धू ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर पाकिस्तान जाने कि अनुमति भी मांगी है. बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 28 नवंबर को इस कॉरिडोर का शिलान्यास करेंगे.
इससे पहले पाकिस्तान द्वारा करतारपुर गलियारे को खोलने पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने मित्र इमरान खान को धन्यवाद बोला था. सिद्धू ने सितंबर में मीडिया से कहा था कि आज मेरी जिंदगी सफल हो गई. प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस धार्मिक गलियारे को खोलने का अपना वादा पूरा किया.
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वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया है. सुषमा स्वराज ने अपने व्यस्त कार्यक्रमों का हवाला देते हुए बताया कि उनकी जगह दो केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और हरदीप सिंह पुरी इस कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
Responding to invitation of Pakistan Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi to attend opening ceremony of #KartarpurCorridor corridor,Navjot Singh Sidhu writes "I look forward to meeting you on this historic occasion. My application for permission to attend is now lodged with MEA" pic.twitter.com/4NexsNPtxS
— ANI (@ANI) November 25, 2018
पाकिस्तान ने शनिवार करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनकी कैबिनेट में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को न्योता भेजा था. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी पाकिस्तान के निमंत्रण को ठुकरा दिया है.
Punjab CM Capt Amarinder Singh has declined Pakistan Foreign Minister’s invitation to attend the foundation stone laying for #KartarpurCorridor, citing continued terrorist attacks in his state and killings of Indian soldiers by Pakistan armed forces. pic.twitter.com/G4PmgfqGrs
— ANI (@ANI) November 25, 2018
गौरतलब हो कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब भारत-पाकिस्तान सीमा से 3 किलोमीटर की दूरी पर है. यहीं पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपना अंतिम वक्त गुजारा था. करतारपुर गलियारा खुल जाने से भारत के श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित एक गुरुद्वारे के दर्शन करने वहां जा सकेंगे, जो सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव से जुड़ा हुआ है.
अगस्त 1947 में विभाजन के बाद यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया. लेकिन सिख धर्म और इतिहास के लिए यह बड़े महत्व का है.