मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में मतदाता प्रतिशत ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. चुनाव आयोग के अनुसार, गुरुवार शाम 8 बजे तक 65.11% मतदान दर्ज किया गया. यह न केवल 2024 के लोकसभा चुनावों (61.33%) और 2019 विधानसभा चुनाव (60.5%) से अधिक है, बल्कि 1995 के बाद का सबसे ऊंचा आंकड़ा भी है, जब मतदान प्रतिशत 71.7% था. लेकिन सवाल उठता है कि यह बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत किसके लिए फायदेमंद होगा?
जनता के इस बढ़े हुए उत्साह ने राज्य की राजनीति में नई ऊर्जा भर दी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता के इस जोश का फायदा किसे मिलता है. मौजूदा महायुति सरकार को, या बदलाव की उम्मीद लेकर आई एमवीए को. 23 नवंबर को नतीजे आने के बाद ही तस्वीर साफ होगी.
बढ़े हुए मतदान का क्या मतलब हो सकता है?
अधिक मतदान के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं.
प्रो-इन्कंबेंसी (सरकार के समर्थन में वोट): महायुति (बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन) का मानना है कि यह मौजूदा सरकार के प्रति जनता के समर्थन का संकेत है. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "जब भी मतदान प्रतिशत बढ़ता है, बीजेपी को फायदा होता है." उन्होंने इसे सरकार के प्रति जनता की सहानुभूति और उनके कार्यों पर विश्वास बताया.
एंटी-इन्कंबेंसी (सरकार के खिलाफ वोट): कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अधिक मतदान एंटी-इन्कंबेंसी का संकेत हो सकता है. जब जनता बदलाव चाहती है, तो वे अधिक संख्या में मतदान करने निकलते हैं. 1995 में, जब मतदान प्रतिशत 71.7% था, तब कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया गया था, और शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सत्ता में आया.
महायुति बनाम महा विकास अघाड़ी: कौन है बढ़त में?
महाराष्ट्र में सत्ताधारी महायुति को विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से कड़ी चुनौती मिल रही है. महायुति को एग्जिट पोल में बढ़त दिखाई गई है. अधिकांश पोल्स ने बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत का संकेत दिया है. फडणवीस ने इसे बढ़े हुए मतदान के फायदे के रूप में प्रस्तुत किया.
एमवीए की उम्मीदें:
एमवीए ने 2024 लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें जीतीं, जिससे उन्हें विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद है. कुछ एग्जिट पोल्स ने हंग असेंबली (जहां किसी को स्पष्ट बहुमत न मिले) की संभावना भी जताई है. Electoral Edge जैसे कुछ पोल्स ने एमवीए की जीत की भविष्यवाणी भी की है.
चुनाव परिणाम पर प्रभाव
- 1995: उच्च मतदान (71.7%) के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ, और कांग्रेस हार गई.
- 2019: कम मतदान (60.5%) के बाद कोई पार्टी बहुमत तक नहीं पहुंची.
2024 का विश्लेषण:
इस बार का मतदान प्रतिशत 65.11% है, जो अतीत के चुनाव परिणामों के आधार पर किसी स्पष्ट प्रवृत्ति की ओर इशारा नहीं करता.
बढ़ा हुआ मतदान यह दिखाता है कि जनता ने इस बार अपने मताधिकार का अधिक सक्रिय रूप से उपयोग किया है.
क्या बदलाव की उम्मीद है?
महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन या मौजूदा सरकार की वापसी, दोनों ही संभावनाएं बनी हुई हैं. अगर महायुति बहुमत हासिल करती है, तो यह उनकी नीतियों और कामकाज के प्रति जनता के समर्थन को दर्शाएगा. अगर एमवीए सत्ता में आती है, तो यह मौजूदा सरकार के प्रति जनता की नाराजगी को साबित करेगा.