Nana Patole on BJP: भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बेईमानी से जीती, हम जनता के लिए लड़ेंगे; नाना पटोले

मुंबई, 8 दिसंबर : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी का महाराष्ट्र में क्या भविष्य रहेगा. इसे लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की. यह बातचीत निम्नलिखित बिंदुओं पर हुई.

सवाल: महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस से कहां गलती हुई?

जवाब: चुनाव में हमसे कोई गलती नहीं हुई है. न लोगों से गलती हुई है. चुनाव में बेईमानी से जीत दर्ज की गई है. भाजपा ने बेईमानी से लोकतांत्रिक व्यवस्था का खून करने का पाप किया है. इसी का परिणाम है कि हम महाराष्ट्र में इस तरह के नतीजे देख रहे हैं. यह भी पढ़ें : Aditya Thackeray on SP: MVA का साथ छोड़ने पर आदित्य ठाकरे का सपा पर बड़ा आरोप, बताया BJP की ‘बी-टीम’ (Watch Video)

सवाल: चुनाव की तारीखों के ऐलान के दौरान अगर कांग्रेस सीएम फेस का चेहरा घोषित करती तो क्या इसका फायदा होता?

जवाब: मैं अब पीछे की ओर नहीं जाना चाहता हूं. लेकिन, जो धांधली चुनाव आयोग द्वारा की गई है, वह हमारे लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. कांग्रेस पार्टी वह लड़ाई लड़ेगी. चुनाव आयोग लोगों को मॉक पोल करने से रोक रहा है. कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया. क्या वह देशद्रोह था? मेरा वोट सही है या नहीं, यह जांचने का अधिकार मुझे है. लेकिन सरकार लोगों पर केस कर कार्रवाई कर रही है.

सवाल: देश में ईवीएम से होने वाले चुनाव का कांग्रेस क्या बहिष्कार करेगी?

जवाब: यह फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लेना है. हम लोगों ने हमारी भावना शीर्ष नेतृत्व को बताई है. इसलिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है. मुझे लगता है कि इस पर कोई न कोई रणनीति बनाने का काम शुरू हो चुका है.

सवाल: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद, क्या कांग्रेस अब अकेले चुनाव में जाएगी?

जवाब: गठबंधन में शामिल दलों को साथ लेकर चलने की भूमिका कांग्रेस की है. किसी को साथ नहीं रहना है तो वह उनका मुद्दा हो सकता है. उद्धव गुट वाली शिवसेना के नेता फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं क्योंकि उनके एक नेता कुछ बयान देते हैं तो दूसरा नेता कहता है कि यह उनकी निजी राय है. कांग्रेस सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है. भाजपा संविधान खत्म करना चाहती है. कांग्रेस यह कभी नहीं होने देगी. हम अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे.

सवाल: दिल्ली में अरविंद केजरीवाल इंडी एलायंस के साथ नहीं हैं. वह अकेले चुनाव लड़ रहे हैं.

जवाब: सभी पार्टी को अधिकार है वह फैसला लें. इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. भाजपा के साथ गठबंधन में जितने राजनीतिक दल थे, क्या वह हमेशा रहे हैं? लोकतंत्र में यह चलता रहता है.

सवाल: राहुल गांधी हमेशा वीर सावरकर का मुद्दा उठाते हैं, क्या आपको लगता है कि उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी?

जवाब: यह राहुल गांधी का विषय नहीं है. मीडिया के पास दूसरा कोई मुद्दा नहीं है. जनता के मुद्दों पर मीडिया को कोई बात नहीं करनी है. इतिहास की कहानियों को खड़ा करके आज के मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है. चीन ने हमारी सीमा पर कब्जा किया है. संसद में इस पर चर्चा नहीं होती है. राहुल गांधी और कांग्रेस चाहती है कि संसद में महंगाई, बेरोजगारी, किसानों पर चर्चा हो. वीर सावरकर क्या थे हम उस पर चर्चा नहीं करते हैं.

सवाल: बांग्लादेश में जिस प्रकार से हिंसा चल रही है, आप इसे कैसे देख रहे हैं?

जवाब: बांग्लादेश में क्या हो रहा है उससे ज्यादा मणिपुर में क्या हो रहा है, इस पर चर्चा करने की मांग कांग्रेस पार्टी ने की है. आज देश में लोग सुरक्षित नहीं हैं. बांग्लादेश के मुद्दे पर चर्चा की बात हो रही है. लेकिन, सरकार मणिपुर में चर्चा करने पर क्यों भाग रही है? मैं यह कहना चाहता हूं कि देश में जो स्थिति बनी हुई है, लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है, उन्हें जिंदा जलाया जा रहा है. इस मुद्दे पर सरकार को क्या चर्चा नहीं करनी चाहिए? विदेश नीति पर सरकार को चर्चा करनी चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि पड़ोसी राज्यों में क्या हालात हैं.

सवाल: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल और बांग्लादेश के हमलावरों का डीएनए एक बताया है.

जवाब: राज्य का मुख्यमंत्री होने के नाते राज्य की कानून व्यवस्था संभालने की जवाबदारी इनकी है, राज्य की कानून व्यवस्था ठीक से योगी संभाल नहीं सकते और बांग्लादेश की बाते करते हैं. ऐसे लोगो को क्या कहेंगे. ऐसे लोगों को पद पर रहने का अधिकार भी नहीं है, संविधान की कसम खाकर ये पद पर बैठे हैं. ये लोग धर्म की बात नहीं कर सकते. महाराष्ट्र के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था एक हैं तो सेफ हैं, योगी आदित्यनाथ ने कहा था कटेंगे तो बंटेंगे. इस सरकार को निरस्त कर देना चाहिए.

सवाल: शपथ ग्रहण समारोह में क्या आप लोगों को निमंत्रण नहीं मिला था?

जवाब: हमें कोई निमंत्रण नहीं मिला था. इसे शपथग्रहण समारोह नहीं कहते हैं. जनता तो कह रही है कि राज्याभिषेक हुआ है. आजाद मैदान में वह शपथ विधि का कार्यक्रम नहीं था. भाजपा का राज्याभिषेक का कार्यक्रम था. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या इनके घर का कार्यक्रम था. क्योंकि माहौल तो राज्यभिषेक जैसा ही था. गाय की पूजा की जाती है. हम गाय की पूजा का विरोध नहीं करते हैं. लेकिन इनके मंत्री किरेन रिजिजू कहते हैं कि गाय हमारी माता नहीं है.

सवाल: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को बेनामी संपत्ति मामले में राहत मिली है क्या कहेंगे?

जवाब: मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछना चाहता हूं कि वो तो कहते थे कि ना खाऊंगा न खाने दूंगा. जब यह बेनामी संपत्ति है तो सरकार के पास जमा करो. अजित पवार को यह प्रॉपर्टी कैसे दी जा रही है? जीएसटी कानून लाकर आम लोगों से पैसा जमा किया जा रहा है. आम आदमी को लूट कर पैसा कहां दिया जा रहा है, आज देश की जनता जानती है. अजित पवार को बेनामी संपत्ति देने का पाप भाजपा ने किया है. इसे हम जनता के पास ले जाएंगे.

सवाल: असम के मुख्यमंत्री गोमांस को बैन कर रहे हैं. इसे आप कैसे देखते हैं?

जवाब: भाजपा हिंदुत्व की दोगली राजनीति करती है. मैंने पहले ही कहा है कि किसानों के घर में जो गाय है उन्हें देने के लिए इनके पास पैसे नहीं है.

सवाल: मोहन भागवत कह रहे हैं कि हिन्दुओं की जनसंख्या कम हो रही है. इसलिए तीन बच्चे पैदा करे. इसे आप कैसे देखते हैं?

जवाब: यह तो परिवार का अधिकार है कि कितने बच्चे पैदा करने हैं. खासतौर पर यह माता का अधिकार है. मोहन भागवत की शादी नहीं हुई है. मैं समझता हूं कि उन्हें शादी कर लेना चाहिए. दूसरे को सलाह देने से अच्छा है वह खुद से शुरुआत करें. मां का अधिकार है बच्चा पैदा करना है या नहीं. भाजपा और आरएसएस एक ही हैं. महंगाई से लोगों का जीना हराम है. बच्चे पैदा कर क्या जो उन्हें दो वक्त की रोटी मिल रही है, उसे क्या छीनना चाहते हैं?

सवाल: महानगर पालिका के चुनाव अकेले लड़ेंगे या महाविकास अघाड़ी साथ लड़ेगी?

जवाब: चुनाव की घोषणा के बाद इस पर चर्चा करेंगे.

सवाल: उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत कह रहे हैं कि अगर आप इस्तीफा नहीं देते तो सरकार ढाई साल पहले नहीं गिरती.

जवाब: अच्छी बात है कि मेरे मित्र को मेरी ताकत का अंदाजा हो रहा है.

सवाल: विधानसभा में आपके पास नंबर नहीं है कि कोई विपक्ष का नेता बने. क्या कहेंगे?

जवाब: हम जनता के प्रश्नों को लेकर लड़ेंगे और जीतेंगे. यह हमें विश्वास है और पूरी मेहनत के साथ हम काम करेंगे.

सवाल: आपके दल से कई लोगों ने विधानसभा सदस्य की शपथ नहीं ली है.

जवाब: महाराष्ट्र में सरकार आने के बाद लोगों में उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है. जनता ने कहा कि हमारे वोटों से यह सरकार नहीं आई है. लोग यह आरोप लगा रहे हैं. हम लोगों ने इस प्रत्याशी को वोट नहीं दिया तो इसे इतना वोट कैसे मिला है. हम लोग जनता को न्याय दिलाने वाले प्रतिनिधि हैं. आज हमने सोचा कि हम शपथ नहीं लेंगे. जनता की आवाज चुनाव आयोग तक जाए. जनता की आवाज को चुनाव आयोग तक लेकर जाएंगे.

सवाल: महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पर क्या कहेंगे.

जवाब: देवेंद्र फडणवीस को साढ़े सात साल का अनुभव है. गृह विभाग तो देवेंद्र के पास ही रहेगा. हमने उन्हें सलाह दी है कि यहां कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है. कानून व्यवस्था सुधारने के लिए कोशिश करनी होगी. नई सरकार से कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जवाब लेंगे. युवा पीढ़ी ड्रग्स की वजह से आत्महत्या कर रही है. इसके अलावा कई मामले हैं जिस पर सरकार से हिसाब लिया जाएगा.

सवाल: आप पर आरोप लगा है कि आप भाजपा के लिए काम करते हैं.

जवाब: पार्टी के अंदर इस तरह की बाते चलती रहती हैं. इस पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है. भाजपा को लोकतंत्र स्वीकार नहीं है. 2017 में मैंने कहा था कि यह लोग जीएसटी लाकर लोगों को लूटने का काम करेंगे. आज देश की जनता भी जान चुकी है कि जीएसटी कानून हमें लूटने के लिए लाया गया था. जिन लोगों को संविधान मान्य नहीं है. इसलिए मैं उनसे ढाई साल पहले अलग हो गया. महाराष्ट्र से भाजपा मुक्त पर मैं काम कर रहा हूं.

सवाल: भाजपा पर आरोप लगता है कि वह रीजनल पार्टियों को खत्म कर देती है. क्या कहेंगे.

जवाब: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि हम सभी रीजनल पार्टियों को खत्म कर देंगे. उनकी नीयत यह है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई नहीं बचे.

सवाल: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास 500 रुपये की गड्डी मिलने पर क्या कहेंगे.

जवाब: टेबल पर पैसे किसने रखा है यह तो सीसीटीवी फुटेज में दिख ही जाता है. वह तीन मिनट अपने टेबल पर बैठे थे. इसके बाद वह निकल गए थे. वह कह रहे हैं कि उनके पास सिर्फ 500 रुपये ही होते हैं. इस बात का मुद्दा बनाने से अच्छा है, सीसीटीवी फुटेज आपके पास है. चेक करो और मामला खत्म करो. वहां बेनामी संपत्ति निकली है. कोई बोल नहीं रहा है कि यह उनके पैसे हैं. मुझे लगता है कि यह मामला जनता से जुड़ा हुआ नहीं है.