जेट एयरवेज के कर्मचारी ने छत से कूदकर की खुदकुशी, कांग्रेस का केंद्र सरकार पर निशाना, कहा- पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

अस्थायी रूप से बंद एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) के सीनियर टेक्निशियन ने छत से कूदकर खुदकुशी कर ली. वह कैंसर के मरीज थे. बताया जा रहा है कि जेट एयरवेज के सीनियर टेक्नीनीशियन शैलेश सिंह (Shailesh Singh) को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं मिली थी. जिससे वह डिप्रेशन में चले गए थे. शैलेश सिंह को लंबे समय से कैंसर था और काफी समय से उनका इलाज चल रहा था. कीमोथेरेपी के बाद वह हाल ही में हॉस्पिटल से घर आए थे.

45 साल के शैलेश सिंह ने पालघर के नालासोपारा ईस्ट इलाके में स्थित 4 मंजिला इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली. जेट एयरवेज एयरलाइन के स्टाफ और एंप्लॉयी असोसिएशन के मुताबिक वह आर्थिक संकट से गुजर रहे थे. बता दें कि जेट एयरवेज के करीब 20,000 एंप्लॉयीज को कई महीनों से सैलरी नहीं मिल सकी है. ऑपरेशंस के लिए भी पैसे न होने के कारण कंपनी ने विमानों को भी जमीन पर उतार लिया है.

जेट के कर्मचारी की खुदकुशी के मामले में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ट्वीट करके कहा कि पीएम मोदी एक ओर रोजगार की बात करते हैं , लेकिन 22,000 कर्मचारियों और उनके परिवारों को निराशा में धकेलने के लिए उन्होंने जेट एयरवेज को खत्म हो जाने दिया. उन्होंने कहा, ''यह एक आपराधिक साजिश है, जिसकी जांच होनी चाहिए. पीएम मोदी को खड़े होकर कर्मचारियों और उनके परिवारों को जवाब देना चाहिए.''

जेट एयरवेज पर करीब 8 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है, जेट एयरवेज को कुल 15 हजार करोड़ रुपए चुकाने है. कंपनी के कर्मचारियों को पिछले 2-3 महीने से वेतन नहीं मिल रहा था. मुंबई में जेट एयरवेज के स्टाफ एसोसिएशन और अधिकारियों की मीटिंग में भी कोई बड़ा हल सामने नहीं निकला तो केंद्र सरकार से मदद मांगी गई. कर्मचारियों का कहना है कि लगातार गुहार लगाने के बावजूद सरकार ने एयरवेज को बचाने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया.

जेट एयरवेज के एंप्लॉयीज ने बताया कि कंपनी का कामकाज बंद होने के बाद यह पहला मामला है, जब किसी कर्मचारी ने आत्महत्या की है. शैलेश सिंह का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. परिवार में आर्थिक संकट की वजह यह भी थी कि पिता और पुत्र दोनों ही जेट एयरवेज में कार्यरत थे. शैलेश सिंह का बेटा कंपनी के ऑपरेशंस डिपार्टमेंट में काम करता था.