Maharashtra-Karnataka Tussle: अजित पवार ने भरा दम, कहा- मुंबई महाराष्ट्र की है और हमेशा रहेगी
अजित पवार (Photo Credits: ANI)

मुंबई, 28 जनवरी : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी (Laxman Savadi) के मुंबई को उनके राज्य का हिस्सा बनाए जाने की मांग के एक दिन बाद महाराष्ट्र में उनके समकक्ष अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि हर कोई जानता है कि मुंबई महाराष्ट्र का हिस्सा है और यह हमेशा रहेगी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा है. पार्टी ने सावदी के मांग पर भाजपा को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. कर्नाटक में वर्तमान में भाजपा की सरकार है. सावदी ने बुधवार को मांग की थी कि मुंबई को कर्नाटक का हिस्सा बना देना चाहिए और उन्होंने केंद्र से तब तक इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने का अनुरोध किया था. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा था कि इस मुद्दे पर जब तक उच्चतम न्यायालय का फैसला नहीं आ जाता तब तक कनार्टक के साथ राज्य की सीमा से लगते मराठी भाषी इलाकों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए. इसके बाद सावदी की यह टिप्पणी आयी.

अजित पवार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) की टिप्पणी के बाद उन्होंने (सावदी ने) कर्नाटक के लोगों को खुश करने के लिए मुंबई का नाम लिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई महाराष्ट्र की है. यह कल भी हमारी थी, आज भी हमारी है और भविष्य में भी हमारी रहेगी. इसे कोई बदल नहीं सकता है. हर कोई यह जानता है. इसलिए उन्होंने जो कहा उस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. मेरे विचार में उन्हें नजरअंदाज करना चाहिए.’’ राकांपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘ठाकरे की मांग और मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग के बीच क्या संबंध है? यह कर्नाटक के लोगों को खुश करने का एक खराब प्रयास हो सकता है. इसमें (सावदी की मांग में) कोई तर्क नहीं है.’’ पवार ने कहा कि कर्नाटक ने पहले भी यह दिखाने के लिए ऐसे कदम उठाए थे कि दक्षिणी राज्य में मराठी भाषी इलाके राज्य का हिस्सा हैं. यह भी पढ़ें : Tractor Parade Violence: शिवसेना का मोदी सरकार पर हमला, कहा- केंद्र चाहता था कि किसान आक्रोशित हों

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमलोग यह कहना चाहते हैं कि अगर दो राज्यों के बीच कोई मुद्दा उठता है तो केंद्र को इसमें दखल देना चाहिए और कोई रास्ता तलाशना चाहिए. इसलिए हमने उच्चतम न्यायालय का रुख किया. आज भी राज्य सरकार का यही रुख है. इस संबंध में किसी एक पक्ष की तरफ से नहीं बल्कि गंभीरता से रास्ता तलाशना चाहिए.’’ राकांपा ने भाजपा नेताओं से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. महाराष्ट्र में राकांपा के प्रवक्ता महेश तपासे ने राज्य में भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से पूछा कि क्या वे सावदी की मांग से सहमत हैं. तपासे ने एक वीडियो संदेश में पाटिल और फडणवीस से कहा कि ‘‘अगर वे महाराष्ट्र के साथ हैं’’ तो सावदी का मुंहतोड़ जवाब दें.