मुंबई: अस्पताल की बड़ी लापरवाही, बिना PPE किट एक शख्स को अपनी कोविड-19 संक्रमित मां के शव को बैग में रखने के लिए किया मजबूर, 2 कर्मचारी निलंबित
मौत I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) के कांदिवली (Kandivali) स्थित बीएमसी (BMC) द्वारा संचालित शताब्दी अस्पताल (Shatabdi Hospital) से लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां एक 21 वर्षीय शख्स को अस्पताल में पीपीए किट (PPE Kit) दिए बगैर ही उसकी कोरोना संक्रमित (COVID-19 Positive) मां के शव (Dead Body) को एक बैग में रखने के लिए मजबूर किया गया. जब यह घटना सुर्खियों में आई तो आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए अस्पताल के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है.

बताया जाता है कि कुक के तौर पर काम करने वाली एक 50 वर्षीय महिला में 30 जून को कोविड-19 के लक्षण दिखने लगे, जिसके बाद पीड़ित महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया. मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2 जुलाई को महिला के 21 वर्षीय बेटे को फोन करके तुरंत अस्पताल आने के लिए कहा गया. अस्पताल पहुंचने पर बताया गया कि उसकी मां का निधन हो चुका है. जब वह औपचारिकताओं को पूरी कर रहा था तो उसे अपनी मृत मां के शव को एक बैग में रखने के लिए नर्सों की मदद करने को कहा गया.

मृत महिला के बेटे का कहना है कि ऐसा कहने पर वह स्तब्ध रह गया, क्योंकि अस्पताल ने उसे पीपीए किट भी नहीं दिया. जब शख्स ने पूछा कि पीपीई के बिना वो शव को कैसे हाथ लगा सकता है तो उससे कहा गया कि उसकी मां का शव भारी है, इसलिए मदद करनी होगी. जब शख्स ने अपनी मां के शव को बैग में रखा, उसके कुछ समय बाद फिर से उसे बॉडी को बिस्तर से उठाकर स्ट्रेचर पर रखने में मदद करने के लिए बुलाया गया. यह भी पढ़ें: मुंबई: सायन अस्पताल में शवों के बीच कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज, वीडियो वायरल होने पर बीएमसी ने दिए जांच के आदेश

अस्पताल में महिला के बेटे को जो अनुभव हुआ, उससे उसे काफी आघात पहुंचा. उसका कहना था कि किसी भी बच्चे को ऐसी स्थिति की सामना नहीं करना चाहिए. मैं उस समय जो महसूस कर रहा था, उसे व्यक्त नहीं कर सकता, लेकिन मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं अपनी मां से बेहद प्यार करता हूं. बता दें कि महिला के 55 वर्षीय पति में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. 21 वर्षीय शख्स अपने माता-पिता की इकलौती संतान है.

शताब्दी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रमोद नागरकर ने मुंबई मिरर को बताया कि मैंने शिकायत मिलने के बाद दो अस्थायी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी रिश्तेदार ने इस अस्पताल में इस तरह की लापरवाही की शिकायत की है. गौरतलब है इससे पहले भी शताब्दी अस्पताल से इस तरह की लापरवाही की घटना सामने आ चुकी है.