Mumbai Crime News: मुंबई पुलिस की बड़ी कामयाबी, प्रेमिका की हत्या की कोशिश के बाद फरार आरोपी 48 साल बाद गिरफ्तार
मुंबई पुलिस/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Image)

Mumbai Crime News:  मुंबई की कोलाबा पुलिस को हत्या की कोशिश के एक पुराने मामले में बड़ी सफलता मिली है. 1977 में अपनी प्रेमिका पर जानलेवा हमला कर फरार हुआ आरोपी चंद्रशेखर माधवराव कालेकर को  48 साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तारी सोमवार रात रत्नागिरी जिले के दापोली तालुका के करंजणी गांव से हुई. कोलाबा पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.

1977 में दर्ज हुआ था मामला

कोलाबा पुलिस स्टेशन में दर्ज केस (C.R. No. 795/1977) के अनुसार, कालेकर ने अपनी प्रेमिका पर तेजधार हथियार से हमला कर उसकी हत्या की कोशिश की थी. महिला गंभीर रूप से घायल हुई थी लेकिन वह बच गई. घटना के बाद कालेकर को गिरफ्तार किया गया था और 15 दिनों की जेल के बाद वह जमानत पर रिहा हुआ. लेकिन अदालत में पेश न होकर वह फरार हो गया और 48 साल तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहा. यह भी पढ़े: Mumbai: मुंबई में टीआईएसएस के 12 से ज्यादा छात्रों पर मामला दर्ज, जीएन साईबाबा की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप

आरोपी का प्रोफाइल

 

पुलिस के अनुसार, कालेकर उस समय वर्ली की एक प्रतिष्ठित निजी कंपनी में नौकरी करता था और मुंबई के लालबाग इलाके की हाजी कासम चाल में रहता था। वह अपने दोस्तों के साथ अंधेरी, सांताक्रूज और डोंबिवली जैसे इलाकों में पार्टियों में जाया करता था, जहां उसकी मुलाकात पीड़िता से हुई और दोनों में प्रेम संबंध बन गए. बाद में जब कालेकर को शक हुआ कि महिला का किसी और से संबंध है, तो उसने गुस्से में आकर उस पर चाकू से पेट, पीठ और हाथों पर कई वार किए।

48 साल तक कैसे बचता रहा कालेकर?

कालेकर ने लगातार अपने ठिकाने बदलते हुए पुलिस को चकमा दिया। वह लालबाग से सांताक्रूज, फिर महिम, गोरेगांव और आखिर में बद्लापुर चला गया. उसकी पुरानी चाल भी समय के साथ टूट गई, जिससे पुलिस की तलाश और मुश्किल हो गई. जब वह अदालत में पेश नहीं हुआ, तो उसकी जमानत की गारंटी देने वाले को 10,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा, जिसे माना जा रहा है कि खुद कालेकर ने चुकाया और फिर अपने गारंटर को चुप रहने को कहा

पुलिस की सूझबूझ और आधुनिक तकनीक से मिली कामयाबी

डीसीपी (जोन 1) प्रवीण मुंढे, एसीपी शशिकिरण काशीद और वरिष्ठ पीआई सुधाकर देशमुख के नेतृत्व में बनी एक विशेष टीम ने पिछले 6 महीनों में केस को फिर से खोल कर जांच शुरू की. पहले मतदाता सूची से सुराग मिला, फिर RTO रिकॉर्ड से पता चला कि कालेकर ने 2023 में ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण कराया था। वही फोटो और पता 2015 के एक एक्सीडेंट केस से मेल खा गया.

जब यह फोटो उसके पुराने दोस्तों और सहकर्मियों को दिखाया गया, तो उन्होंने तुरंत पहचान कर ली. इसके बाद मोबाइल फोन के IMEI नंबर से उसकी लोकेशन दापोली के करंजणी गांव में पाई गई।

 न्यायिक हिरासत में भेजा गया

सोमवार रात पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. फिलहाल पुलिस को पीड़िता की वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं है, और उसकी तलाश जारी है.