7 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरी अरब सागर में एक जहाज को समुद्री डाकुओं के चंगुल से छुड़ाने के लिए भारतीय नौसेना के सफल अभियान को ''साहसी'' बताते हुए इसकी प्रशंसा की. मोदी ने यहां पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के 58वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के पहले सौर मिशन यान आदित्य एल1 की सफलता का भी उल्लेख किया
पीएम मोदी ने कहा- यह भारत की शक्ति और भारतीय वैज्ञानिकों के कौशल का प्रमाण है. उन्होंने कहा, ‘‘दो दिन पहले, भारतीय नौसेना ने एक बहुत ही सफल साहसी अभियान पूरा किया. यह संदेश मिलने के बाद भारतीय नौसेना और समुद्री कमांडो सक्रिय हो गए कि एक वाणिज्यिक जहाज संकट में है.’’ ये हैं इंडियन आर्मी के 3 खूंखार कमांडो, PAK के नापाक मंसूबों को पलक झपकते ही कर देंगे ध्वस्त
प्रधानमंत्री ने कहा कि जहाज में 21 नाविक थे जिनमें से 15 भारतीय थे. जहाज भारतीय तट से लगभग 2,000 किलोमीटर दूर था. उन्होंने कहा कि नौसेना ने सभी नाविकों को खतरे से बचा लिया. उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षित बचाये जाने के बाद भारतीय नाविकों ने कमांडो की बहादुरी की सराहना करते हुए 'भारत माता की जय' के नारे लगाये.’’
5 जनवरी को, भारतीय नौसेना के विशिष्ट समुद्री कमांडो ‘मार्कोस’ ने उत्तरी अरब सागर में लाइबेरिया के ध्वज वाले वाणिज्यिक जहाज के अपहरण के प्रयास पर कार्रवाई करते हुए 15 भारतीयों सहित चालक दल के सभी 21 सदस्यों को बचा लिया. इस जहाज को पांच-छह हथियारबंद लोगों ने अपहरण करने की कोशिश की थी.
नौसेना ने एमवी लीला नॉरफोक को अपहृत करने की कोशिश के बाद मदद के लिए एक युद्धपोत, समुद्री गश्ती विमान, हेलीकॉप्टर और पी-8आई और लंबी दूरी के विमान और प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन तैनात किए थे.
आदित्य एल1 मिशन पर मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर अपने गंतव्य ‘लैग्रेंजियन पॉइंट 1’ बिंदु पर पहुंच गया है, जहां से यह सूर्य की परिक्रमा करके उसका अध्ययन करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह वह स्थान है जहां से आदित्य एल1 सूर्य को स्पष्ट रूप से देख सकेगा. इससे हमारे चंद्र मिशन जैसे वैज्ञानिक अनुसंधान में काफी मदद मिलेगी.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आदित्य एल1 की सफलता भारत की शक्ति और भारतीय वैज्ञानिकों के कौशल का प्रमाण है. यह एक और महान उदाहरण है.’’ भारत का पहला सौर मिशन यान आदित्य एल1 6 जनवरी को अपने गंतव्य पर पहुंच गया, जहां से यह सूर्य की परिक्रमा करेगा और हमारे तारे का अध्ययन करेगा. इसरो की नवीनतम उपलब्धि चंद्रयान-3 की सफलता के कुछ महीने बाद आयी है जब अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रमा की सतह पर यान की चुनौतीपूर्ण सॉफ्ट लैंडिंग करायी थी.
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