नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार न तो संविधान को बदलेगी न ही आरक्षण नीति में कोई बदलाव करेगी. गृह मंत्री ने कहा, मोदी सरकार आरक्षण नीति को कभी नहीं छुएगी और न ही किसी और को ऐसा करने देगी. शाह ने यह भी कहा कि सरकार देश से नक्सलवाद को खत्म करने की पूरी कोशिश करेगी. Lok Sabha Elections 2024: जिन 102 सीटों पर आज हुई वोटिंग, जाने कैसा रहा था 2019 में उनका नतीजा.
गृह मंत्री ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ''हम आरक्षण की नीति को कभी नहीं छूएंगे और न ही किसी और को ऐसा करने देंगे.'' गृह मंत्री ने उन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि सरकार संविधान में संशोधन करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा, "अगर हमें संविधान बदलना था तो हम इसे पहले ही कर सकते थे."
संविधान बदलना होता तो पहले ही बदल देते
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "हमारे पास 10 साल से बहुमत है. हमें संविधान बदलना होता तो हम पहले ही कर सकते थे. 2014 में बीजेपी के पास 272 सीटें थी. फिलहाल 300 से ज्यादा सीटें हैं. दोनों बार एनडीए को मिलाकर संविधान बदलने की भी ताकत है. अपने बहुमत का इस्तेमाल 370 हटाने में किया, सीएए लाने में किया, तीन तलाक समाप्त करने में है."
बहुमत का दुरुपयोग करना कांग्रेस की आदत
अमित शाह ने कहा कि बीजेपी नीत NDA सरकार ने संसद में अपने पास मौजूद बहुमत का दुरुपयोग नहीं किया है. उन्होंने कहा, "हमने दस साल तक अपने पास मौजूद बहुमत का दुरुपयोग नहीं किया है. बहुमत का दुरुपयोग करने की आदत कांग्रेस की है, हमारी नहीं."
गृह मंत्री ने कहा कि बीजेपी की प्रतिबद्धताओं में कोई बदलाव नहीं आया है और इस बात पर प्रकाश डाला कि महिला आरक्षण अधिनियम और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) मोदी सरकार द्वारा लाए गए थे.
सेक्युलर शब्द नहीं हटेगा
संविधान से 'सेक्युलर' शब्द हटाने के दावों पर गृह मंत्री ने कहा, "सेक्युलर शब्द हटाने की हमें कोई जरूरत नहीं है. इस देश को पंथनिरपेक्ष बनाने का सबसे बड़ा आग्रह बीजेपी का है, इसलिए हम यूसीसी ला रहे हैं." कांग्रेस देश को शरिया के नाम पर चलाना चाहती है और उन्हें सेक्युलर बनने की जरूरत है. हमें नहीं हैं."