
नई दिल्ली: 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में केंद्रीय बजट 2025 पेश करेंगी. यह उनका आठवां बजट भाषण होगा, जिसमें एक अंतरिम और छह नियमित बजट शामिल हैं. इससे पहले, लगातार छह बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम था. बजट भाषण के इतिहास में, कुछ भाषण इतने लंबे थे कि सुनने वालों का धैर्य टूट गया, तो कुछ इतने छोटे कि सुनने वाले हैरान रह गए. आइए, जानते हैं भारत के सबसे लंबे और सबसे छोटे बजट भाषणों के बारे में...
Budget 2025: 31 जनवरी को शुरू हो सकता है संसद का बजट सत्र, 1 फरवरी को आम बजट.
सबसे लंबा बजट भाषण: निर्मला सीतारमण का 2020 का रिकॉर्ड
भारत के बजट इतिहास का सबसे लंबा भाषण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में दिया. यह भाषण 2 घंटे 42 मिनट तक चला. सुबह 11 बजे शुरू होकर यह दोपहर 1:40 बजे तक चला, लेकिन भाषण पूरा नहीं हो पाया क्योंकि निर्मला सीतारमण तबीयत खराब होने की वजह से इसे खत्म नहीं कर पाईं. आखिरी दो पैराग्राफ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पढ़े.
2020 से पहले, 2019 में उन्होंने 2 घंटे 17 मिनट लंबा भाषण दिया था. यह भी एक रिकॉर्ड था, जिसमें आयकर रिटर्न की प्री-फाइलिंग और MSME सेक्टर के लिए विशेष लाभों का जिक्र किया गया था.
इन नेताओं ने भी दिए लंबे बजट भाषण
2003-04: जसवंत सिंह (2 घंटे 13 मिनट)
तत्कालीन वित्त मंत्री जसवंत सिंह का 2003 का बजट भाषण 2 घंटे 13 मिनट तक चला.
इस भाषण के दौरान आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग का ऐलान किया गया. उत्पाद शुल्क और कस्टम ड्यूटी में कुछ वस्तुओं पर कटौती की गई.
2014-15: अरुण जेटली (2 घंटे 10 मिनट)
अरुण जेटली ने अपने 2014 के बजट भाषण में नए AIIMS संस्थान खोलने का ऐलान किया. रक्षा क्षेत्र में FDI को 49% तक बढ़ाया. आयकर छूट सीमा ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹2.5 लाख कर दी. यह भाषण 2 घंटे 10 मिनट लंबा था.
1991: मनमोहन सिंह (18,700 शब्द)
हालांकि 1991 का बजट भाषण समय की दृष्टि से सबसे लंबा नहीं था, लेकिन शब्दों की संख्या के हिसाब से यह सबसे लंबा (18,700 शब्द) था. इस बजट को भारत के आर्थिक सुधारों का आधार माना जाता है.
सबसे छोटा बजट भाषण: हिरुभाई मुलजीभाई पटेल (1977)
भारत के इतिहास में सबसे छोटा बजट भाषण हिरुभाई मुलजीभाई पटेल ने 1977-78 के अंतरिम बजट के दौरान दिया. यह भाषण केवल 800 शब्द का था. यह इतना छोटा था कि इसे सुनने वाले लोग चौंक गए.
बजट के दिन की खास बातें
केंद्रीय बजट हर साल फरवरी में पेश किया जाता है. इसका उद्देश्य आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की प्राथमिकताओं और आर्थिक योजनाओं को प्रस्तुत करना होता है. 1 फरवरी को शनिवार होने के बावजूद, स्टॉक मार्केट खुला रहेगा. बजट भाषण में न केवल आर्थिक योजनाएं शामिल होती हैं, बल्कि यह सरकार के दृष्टिकोण का भी प्रतीक है.