नई दिल्ली, 16 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर (Physical Infrastructure) और तमाम विकास परियोजनाओं को धन मुहैया कराने के लिए विकास वित्त संस्थान यानी डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (Development Finance Institution) गठित करने से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी गई है. इस संस्था की प्रारंभिक पूंजी 20,000 करोड़ रुपए रखी गई है. इस संबंध में जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने बताया कि कैबिनेट की बैठक के दौरान संरचना के लिए नया बैंक शुरू करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए लंबी अवधि के लोन की जरूरत होती है और देश में इसकी व्यवस्था के लिए प्रोफेशनल तरीके से मैनेज्ड डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की जरूरत है जो इंफ्रा परियोजनाओं के धन मुहैया कराने के लिए काम करेगा. मोदी सरकार ने हैंडीक्राफ्ट्स एंड हैंडलूम्स एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दी
इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड की जरूरतों को करेगा पूरा
वहीं इस बाबत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट बैठक में विकास वित्त संस्थान के गठन का फैसला किया गया है. यह इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड की जरूरतों को पूरा करेगा. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बजट के दौरान एक राष्ट्रीय बैंक बनाने का बात कही गई थी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन की स्थापना पर अपनी स्वीकृति दे दी है. अभी नई संस्था की संरचना की जा रही है उसमें क्लिन स्लेट (नई शुरुआत) से शुरुआत की जाएगी. एक बार जब इनका बोर्ड तैयार होकर प्रस्तुत हो जाएगा, तब बोर्ड का डिसीजन होगा कि आगे वो किससे मर्जर कर रहे हैं या एक्वायर कर रहे हैं.
करीब 20 हजार करोड़ रुपए का इनिशियल कैपिटल
उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि संस्था की प्रारंभिक पूंजी 20,000 करोड़ रुपए रखी गई है. साथ ही साथ मार्केट से फंड उठाया जाएगा. इसके अलावा कई अन्य स्रोत भी मौजूद हैं जैसे इंश्योरेंस पेंशन फंड इंत्यादि. इंश्योरेंस पेंशन फंड आज भी इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्ट करते हैं लेकिन जब सरकार की एक संस्था एक विधान द्वारा समर्थित सामने आती है तो उन्हें और अधिक पैसा डालने में भरोसा और विश्वास होता है. हमें उम्मीद है कि रेग्युलेटर्स उसको भी बढ़ाएंगे. यह बैंक ऐसा है कि जो लॉन्ग टर्म पेशेंट कैपिटल की तरफ देखता है और पेंशन और इंश्योरेंस फंड टिपिकली लॉन्ग टर्म पेशेंट कैपिटल होता है. यह इसकी व्यवस्था है.