नागपुर, 30 मार्च : महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने बृहस्पतिवार को कहा कि औरंगाबाद शहर में भीड़ के पुलिस कर्मियों पर कथित हमले की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और उन्होंने नेताओं से भड़काऊ बयान से बचने की अपील की. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि औरंगाबाद, जिसका नाम अब छत्रपति संभाजीनगर कर दिया गया है, में 500 से ज्यादा लोगों ने बुधवार रात को कथित तौर पर पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया. एक झगड़े के बाद किराडपुरा इलाके में यह घटना घटी जहां प्रसिद्ध राम मंदिर है. फडणवीस ने नागपुर में अपने आवास पर, हिंसा के बारे में कहा, ‘‘छत्रपति संभाजीनगर की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इलाके में शांति बनाने के प्रयास जारी हैं. हालांकि, कुछ लोग भड़काऊ बयान देकर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं.’’
इस घटनाक्रम के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराये जाने के कुछ नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नेताओं को समझना चाहिए कि इस तरह की परिस्थिति में कैसे बर्ताव करें. इसलिए, यदि कोई ऐसे गलत बयान दे रहा है तो उसे इससे बचना चाहिए. सभी को शांति बनाकर रखनी चाहिए. अगर कोई इस घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’’ पुलिस के मुताबिक औरंगाबाद की घटना में कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है और जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है. यह भी पढ़ें : नफरती भाषण पर न्यायालय की टिप्पणी शिंदे-फडणवीस सरकार के लिए शर्म की बात : अजित पवार
भड़काऊ भाषणों पर लगाम लगाने में कथित विफलता के लिए महाराष्ट्र में अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर बुधवार को न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने नफरत भरे भाषणों पर गंभीर आपत्ति जताई थी. इस बारे में पूछे गए एक सवाल पर फडणवीस ने कहा कि शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के खिलाफ कोई अवमानना कार्रवाई शुरू नहीं की. फडणवीस ने कहा, ‘‘सबसे पहली बात तो उच्चतम न्यायालय ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है. महाराष्ट्र सरकार द्वारा अदालत को उसकी कार्रवाई के बारे में अवगत कराये जाने के बाद अदालत ने राज्य सरकार के खिलाफ कोई अवमानना कार्रवाई शुरू नहीं की है.’’