Pakistan: 20 साल पहले लापता हुई थी मुंबई की महिला, Social Media की मदद से पाकिस्तान में मिली
महिला/ प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

सोशल मीडिया (Social Media) के इस दौर में जहां घर बैठे लोग देश और दुनिया से जुड़ सकते हैं तो वहीं यह प्लेटफॉर्म बिछड़ों को भी अपनों से मिलाने में मददगार साबित हो सकता है. एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां काम के सिलसिले में 20 साल पहले विदेश यात्रा कर लापता हुई मुंबई की महिला को सोशल मीडिया की मदद से पाकिस्तान (Pakistan) में ढूंढ निकाला गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो 70 वर्षीय हमीदा बानो (Hamida Bano), जो पाकिस्तान के हैदराबाद शहर (Hyderabad City) में रहती हैं वो सोशल मीडिया के जरिए अपने परिवार से संपर्क करने में कामयाब रही हैं. हमीदा बानो 2002 में दुबई (Dubai) में एक घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने के लिए कुर्ला से अपने परिवार को छोड़कर गई थीं, लेकिन वो लापता हो गईं.

महिला के परिवार के अनुसार, पाकिस्तान में वलीउल्लाह मारूफ (Waliullah Maroof) नाम के एक कार्यकर्ता ने बानो से मुलाकात की. पीड़ित महिला ने उन्हें बताया कि किस तरह से मुंबई में एक एजेंट ने 20 साल पहले दुबई में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसे धोखा दिया और वो दुबई जाने के बजाय धोखे से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पहुंच गईं. यह भी पढ़ें: Pakistan: पत्नी से था नाजायज संबंध, भड़के पति ने पुलिसकर्मी के काट दिए नाक, कान और होंठ

धोखे से पाकिस्तान पहुंचने के बाद बानो पाक के सिंध प्रांत के हैदराबाद शहर में रहने लगीं और फिर बाद में उन्होंने वहीं के एक स्थानीय व्यक्ति से शादी कर ली, जिससे उन्हें एक संतान हुई, लेकिन शादी के कुछ साल बाद ही उनके पति की मौत हो गई. महिला की दर्दनाक कहानी और उसकी घर लौटने की तड़प को जानने के बाद वलीउल्लाह मारूफ ने बानों के वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया और मुंबई में एक सामाजिक कार्यकर्ता की तलाश की, जो उसकी मदद कर सके. आखिर में उन्हें खफ्लान शेख (Khaflan Shaikh) नाम का एक शख्स मिल ही गया.

इसके बाद खफ्लान शेख ने अपने लोकल ग्रुप में इस वीडियो को शेयर किया और बानो की बेटी यास्मीन बशीर शेख का पता लगाया, जो कुर्ला के कसाई वाड़ा इलाके में रहती है. यास्मीन ने बताया कि उनकी मां एक एजेंट के जरिए काम के सिलसिले में साल 2002 में दुबई चली गई थीं. हालांकि एजेंट की लापरवाही के चलते वो पाकिस्तान पहुंच गईं. यास्मीन ने कहा कि हम उनके ठिकाने से अनजान थे और उसी एजेंट के जरिए सिर्फ एक बार ही उनसे संपर्क कर पाए. यह भी पढ़ें: लापता महिला जज का शव दक्षिणी दिल्ली में भाई के घर मिला

बहरहाल, यास्मीन ने यह भी बताया कि इससे पहले भी उनकी मां बानो घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने के लिए कतर गई थीं. इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी मां के मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमें खुशी है कि हमारी मां जीवित और सुरक्षित है. अब हम चाहते हैं कि भारत सरकार उन्हें वापस भारत लाने में हमारी मदद करे.