Delhi News: 'बाहर मिल, देखता हूं जिंदा कैसे घर जाती है': दिल्ली की कोर्ट में वकील और दोषी ने की बदसलूकी, महिला जज को दी जान से मारने की धमकी
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Delhi News: दिल्ली की एक अदालत में उस वक्त सनसनी फैल गई. जब एक दोषी और उसके वकील ने खुले कोर्ट में महिला जज को गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी. यह पूरा मामला चेक बाउंस केस में दोषसिद्धि के बाद हुआ, जब कोर्ट का फैसला आरोपी को रास नहीं आया. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक,  मामला ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एनआई एक्ट) शिवांगी मंगला की अदालत का है, जिन्होंने आरोपी को धारा 138 (चेक बाउंस) के तहत दोषी करार दिया.

इसके बाद आरोपी ने बेल बॉन्ड भरने के लिए अगले दिन की तारीख दी गई थी. लेकिन जैसे ही फैसला सुनाया गया, आरोपी और उसका वकील दोनों उग्र हो गए.

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दिल्ली की कोर्ट में वकील और दोषी ने की बदसलूकी

जज पर दबाव बनाने की कोशिश

कोर्ट के आदेश के अनुसार, आरोपी ने जज से कहा, ''तू है क्या चीज... तू बाहर मिल, देखता हूं जिंदा कैसे घर जाती है.'' इतना ही नहीं, उसने कोर्ट में किसी वस्तु को जज की ओर फेंकने की कोशिश भी की.

जज शिवांगी मंगला ने अपने आदेश में लिखा कि दोषी और उसके वकील ने मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया. उनसे कहा गया कि वे अपने पद से इस्तीफा दें. इसके अलावा, दोनों ने मिलकर धमकी दी कि अगर उन्होंने दोषी को बरी नहीं किया, तो उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाएगी और जबरन इस्तीफा दिलवाया जाएगा.

वकील को कारण बताओ नोटिस

कोर्ट ने आरोपी के वकील अतुल कुमार को भी नहीं बख्शा. जज ने वकील के खिलाफ भी अदालत की अवमानना (क्रिमिनल कंटेम्प्ट) की कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उनसे पूछा गया है कि उनके दुर्व्यवहार पर हाईकोर्ट में कार्रवाई क्यों न की जाए.

जज ने यह भी कहा कि वह आरोपी के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराएंगी. जज ने अपने आदेश में लिखा, "मैं न्याय के पक्ष में खड़ी हूं और ऐसे किसी भी दबाव में नहीं आऊंगी. उचित कार्रवाई की जाएगी."

क्या है अगली कार्रवाई?

अब यह मामला और गंभीर हो गया है क्योंकि इसमें कोर्ट की गरिमा और महिला सुरक्षा दोनों पर सवाल उठे हैं. अदालत का अगला कदम होगा आरोपी और उसके वकील के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाना. इसके साथ ही यह भी देखना कि महिला न्यायधीशों की सुरक्षा को कैसे और मजबूत किया जाए.