Measles Outbreak: मुंबई में खसरे का कहर, अब तक 8 बच्चों की मौत; जानें क्या हैं इसके लक्षण
Measles | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

Measles Outbreak: मुंबई में खसरा (Measles) का प्रकोप बढ़ रहा है. शहर में खसरे के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है. लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, राज्य में पुष्टि किए गए खसरे के मामलों में लगभग छह गुना वृद्धि दर्ज की गई. 2021 में 92 से बढ़कर 2022 में यह संख्या 503 हो गई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्रसार टीकाकरण की कमी के कारण हुआ है. बढ़ते प्रदूषण से गर्भवती महिलाओं, जन्म लेने वाले बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है: विशेषज्ञ. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक छह महीने की सकीना उस्मान अंसारी ने गुरुवार शाम कस्तूरबा अस्पताल में खसरे की जटिलताओं के कारण दम तोड़ दिया. भिवंडी निवासी इस शिशु को 13 नवंबर को फेफड़े खराब होने और सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अधिकारियों ने उसकी मौत का कारण ब्रोन्कोपमोनिया के साथ खसरे के साथ सेप्टिक शॉक बताया.

मुंबई के अस्पतालों में भर्ती बच्चों की संख्या 105 तक पहुंच गई, जिनमें से दो वेंटिलेटर पर हैं. करीब 40 बच्चे ठीक होकर घर जा चुके हैं. इस बीच सीएम शिंदे गुरुवार शाम चिंचपोकली में कस्तूरबा पहुंचे और अस्पताल में भर्ती लोगों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि बीमारी के प्रकोप के बाद से बीएमसी ने बीमारी के खिलाफ 12,000 बच्चों का टीकाकरण किया है. उन्होंने कहा, "टीकाकरण की कमी के कारण प्रसार प्रतीत होता है."

क्या हैं खसरा और इसके लक्षण  

मीजल्स या खसरा बचपन में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इसमें बच्चों को बुखार, नाक बहना और चेहरे पर लाल चकत्ते निकल आते हैं. खसरे या मीजल्स को वैक्सीन के माध्यम से खत्म करने की बहुत कोशिश हो रही है लेकिन अब तक यह बच्चों में होता है. समय पर अगर खसरे का इलाज न किया जाए तो इससे मौत भी हो सकती है.

अगर किसी बच्चे में खसरा है तो संक्रमण के 8 दिनों बाद यह किसी दूसरे बच्चे को संक्रमित कर सकता है. इस समय तक पहले संक्रमित बच्चे में रेशेज नहीं दिखते हैं. इसके बावजूद इस बच्चे से अन्य बच्चे में खसरा को संक्रमण हो सकता है.

बचाव 

समय आने पर खसरे का टीका अपने बच्चे को अवश्य लगवाएं. अगर किसी जगह पर खसरे का संक्रमण बढ़ गया है तो अपने बच्चे को आइसोलेट करें. अगर बच्चे में खसरे का लक्षण है तो डॉक्टर के पास अवश्य जाएं. खासकर तब जब आपके आस पास के बच्चों को यह बीमारी हो रही हो.