Marathi Bhasha Din 2020: कुसुमाग्रज जयंती पर ही क्यों मनाते हैं ‘मराठी भाषा दिवस’

मराठी भाषा दिवस प्रत्येक वर्ष की 27 फरवरी के दिन महाराष्ट्र और गोवा समेत भारत के तमाम नगरों में मनाया जाता है. इस दिन महाराष्ट्र एवं गोवा के तमाम सरकारी एवं गैरसरकारी स्कूलों एवं कॉलेज में मराठी पृष्ठभूमि पर विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर निबंध एवं लेख प्रतियोगिताएं एवं सेमिनारों इत्यादि का आयोजन किया जाता है.

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Marathi Bhasha Din 2020: कुसुमाग्रज जयंती पर ही क्यों मनाते हैं ‘मराठी भाषा दिवस’

मराठी भाषा दिवस प्रत्येक वर्ष की 27 फरवरी के दिन महाराष्ट्र और गोवा समेत भारत के तमाम नगरों में मनाया जाता है. इस दिन महाराष्ट्र एवं गोवा के तमाम सरकारी एवं गैरसरकारी स्कूलों एवं कॉलेज में मराठी पृष्ठभूमि पर विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर निबंध एवं लेख प्रतियोगिताएं एवं सेमिनारों इत्यादि का आयोजन किया जाता है.

देश Abdul Kadir|
Marathi Bhasha Din 2020: कुसुमाग्रज जयंती पर ही क्यों मनाते हैं ‘मराठी भाषा दिवस’
आज है मराठी भाषा गौरव दिवस

Marathi Rajbhasha Din 2020 and Kusumagraj Jayanti: प्रत्येक वर्ष आज के ही दिन यानी 27 फरवरी को ‘मराठी भाषा दिवस’ मनाया जाता है. महाराष्ट्र और गोवावासियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण दिवस होता है, हालांकि कर्नाटक और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी इस दिवस विशेष को पूरी शिद्दत एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है. वस्तुतः इसी दिन प्रख्यात मराठी कवि विष्णु वामन शिरवाडकर की जयंती भी मनाई जाती है, जो ‘कुसुमाग्रज’ के रूप में विश्व भर में लोकप्रिय हैं. उन्हीं की जयंती के दिन ‘मराठी भाषा दिवस’ भी मनायी जाती है. सर्वप्रथम यह जानें कि जानें कौन थे कुसुमाग्रज..

मराठी साहित्य के महान कवि विष्णु वामन शिरवाडकर 'कुसुमाग्रज’ का जन्म 27 फरवरी 1912 को नासिक में हुआ था. वह प्रसिद्ध मराठी कवि, नाटककार, उपन्यासकार और लघु कथाकार थे, जिन्होंने स्वतंत्रता, न्याय और वंचितों की स्वतंत्रता पर बहुत कुछ लिखा. उनके साहित्य को भारतीय साहित्य की उत्कृष्ट कृति माना जाता है. 1991 में, उन्हें पद्म भूषण सहित कई राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था.

यह भी पढ़े: मराठी भाषा दिवस पर इन शानदार WhatsApp status, Facebook Greetings, GIF Images, Marathi Messages, Wallpapers के जरिए दें मराठी भाषी दोस्तों को शुभकामनाएं 

उनके काम को सम्मानित करने के लिए उनके जन्मदिन को ‘मराठी भाषा दिवस’ का नाम दिया जाता है. संभवतया यही वजह होगी कि ‘मराठी भाषा दिवस’ के रूप में जब तारीख के चयन की बात आई होगी, तो कुसुमाग्रज जयंती से बेहतर और कोई तारीख नहीं हो सकती थी. कुसुमाग्रज ने कई काव्य संग्रह, नाटक इत्यादि लिखे, लेकिन उनकी लिखी कविता संग्रह 'रिवोल्यूशनरी ग्लोरी' एक समय अंग्रेज अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्रता सेनानियों के लिए वीर-रस का प्रतीक बन गयी थी. हैरानी की बात यह है कि कुसुमाग्रज ने कभी भी अपना जन्म दिन नहीं मनाया. कुछ लोगों ने उनका जन्मदिन मनाने की कोशिश की भी तो उस दिन वे उन लोगों की नजरों से दूर हो जाते थे.

कैसे करते हैं सेलीब्रेट:

मराठी भाषा दिवस प्रत्येक वर्ष की 27 फरवरी के दिन महाराष्ट्र और गोवा समेत भारत के तमाम नगरों में मनाया जाता है. इस दिन महाराष्ट्र एवं गोवा के तमाम सरकारी एवं गैरसरकारी स्कूलों एवं कॉलेज में मराठी पृष्ठभूमि पर विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर निबंध एवं लेख प्रतियोगिताएं एवं सेमिनारों इत्यादि का आयोजन किया जाता है. पिछले वर्ष इसी दिन महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां सुप्रसिद्ध गायक एवं संगीतकार शंकर महादेवन सहित मराठी गीत-संगीत एव नृत्य से जुड़े लोगों ने अपनी-अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया था. कुसुमाग्रज को प्रकृति से बेइंतहा प्यार था. वे आकाश और तारों के दीवाने थे.

देश चौथी एवं दुनिया भर में 19वीं सबसे बड़ी भाषा:

मराठी महाराष्ट्र की आधिकारिक भाषा है. हिंदी, बंगाली और तेलुगु के बाद यह देश में बोली जाने वाली चौथी सबसे बड़ी बोली है, जबकि दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा में इसे 19वीं पायदान प्राप्त है. लेकिन सवाल उठता है जन्म लेने के साथ ही बच्चे को अंग्रेजीदां बनाने के लिए जहां उसकी मातृभाषा कहीं पीछे रह जाती है, साल में एक दिन ‘मराठी भाषा दिवस’ मना लेने मात्र से हम अपने दायित्यों से मुक्ति पा लेंगे? शायद नहीं क्योंकि बच्चे को पहले उसकी मातृभाषा से परिचित करवाना चाहिए, ताकि उसे अपनी मातृभाषा के प्रति अपने दायित्व, भाव, प्रेम आदि का अहसास हो. याद रखिये आपकी मातृभाषा ही आपको आपकी जमीन से जोड़ती है. उसे उसकी जुबान दीजिये, उसे भाषा संस्कार की जमीनी हकीकत से परिचित कराइये, तभी मराठी भाषा दिवस मनाने का सही औचित्य होगा.

अभिमान आहे मराठी असल्याचा,

गर्व आहे महाराष्ट्रीय असल्याचा….

महाराष्ट्र दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा

Marathi Bhasha Din 2020: कुसुमाग्रज जयंती पर ही क्यों मनाते हैं ‘मराठी भाषा दिवस’
आज है मराठी भाषा गौरव दिवस

Marathi Rajbhasha Din 2020 and Kusumagraj Jayanti: प्रत्येक वर्ष आज के ही दिन यानी 27 फरवरी को ‘मराठी भाषा दिवस’ मनाया जाता है. महाराष्ट्र और गोवावासियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण दिवस होता है, हालांकि कर्नाटक और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी इस दिवस विशेष को पूरी शिद्दत एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है. वस्तुतः इसी दिन प्रख्यात मराठी कवि विष्णु वामन शिरवाडकर की जयंती भी मनाई जाती है, जो ‘कुसुमाग्रज’ के रूप में विश्व भर में लोकप्रिय हैं. उन्हीं की जयंती के दिन ‘मराठी भाषा दिवस’ भी मनायी जाती है. सर्वप्रथम यह जानें कि जानें कौन थे कुसुमाग्रज..

मराठी साहित्य के महान कवि विष्णु वामन शिरवाडकर 'कुसुमाग्रज’ का जन्म 27 फरवरी 1912 को नासिक में हुआ था. वह प्रसिद्ध मराठी कवि, नाटककार, उपन्यासकार और लघु कथाकार थे, जिन्होंने स्वतंत्रता, न्याय और वंचितों की स्वतंत्रता पर बहुत कुछ लिखा. उनके साहित्य को भारतीय साहित्य की उत्कृष्ट कृति माना जाता है. 1991 में, उन्हें पद्म भूषण सहित कई राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था.

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उनके काम को सम्मानित करने के लिए उनके जन्मदिन को ‘मराठी भाषा दिवस’ का नाम दिया जाता है. संभवतया यही वजह होगी कि ‘मराठी भाषा दिवस’ के रूप में जब तारीख के चयन की बात आई होगी, तो कुसुमाग्रज जयंती से बेहतर और कोई तारीख नहीं हो सकती थी. कुसुमाग्रज ने कई काव्य संग्रह, नाटक इत्यादि लिखे, लेकिन उनकी लिखी कविता संग्रह 'रिवोल्यूशनरी ग्लोरी' एक समय अंग्रेज अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्रता सेनानियों के लिए वीर-रस का प्रतीक बन गयी थी. हैरानी की बात यह है कि कुसुमाग्रज ने कभी भी अपना जन्म दिन नहीं मनाया. कुछ लोगों ने उनका जन्मदिन मनाने की कोशिश की भी तो उस दिन वे उन लोगों की नजरों से दूर हो जाते थे.

कैसे करते हैं सेलीब्रेट:

मराठी भाषा दिवस प्रत्येक वर्ष की 27 फरवरी के दिन महाराष्ट्र और गोवा समेत भारत के तमाम नगरों में मनाया जाता है. इस दिन महाराष्ट्र एवं गोवा के तमाम सरकारी एवं गैरसरकारी स्कूलों एवं कॉलेज में मराठी पृष्ठभूमि पर विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर निबंध एवं लेख प्रतियोगिताएं एवं सेमिनारों इत्यादि का आयोजन किया जाता है. पिछले वर्ष इसी दिन महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां सुप्रसिद्ध गायक एवं संगीतकार शंकर महादेवन सहित मराठी गीत-संगीत एव नृत्य से जुड़े लोगों ने अपनी-अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया था. कुसुमाग्रज को प्रकृति से बेइंतहा प्यार था. वे आकाश और तारों के दीवाने थे.

देश चौथी एवं दुनिया भर में 19वीं सबसे बड़ी भाषा:

मराठी महाराष्ट्र की आधिकारिक भाषा है. हिंदी, बंगाली और तेलुगु के बाद यह देश में बोली जाने वाली चौथी सबसे बड़ी बोली है, जबकि दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा में इसे 19वीं पायदान प्राप्त है. लेकिन सवाल उठता है जन्म लेने के साथ ही बच्चे को अंग्रेजीदां बनाने के लिए जहां उसकी मातृभाषा कहीं पीछे रह जाती है, साल में एक दिन ‘मराठी भाषा दिवस’ मना लेने मात्र से हम अपने दायित्यों से मुक्ति पा लेंगे? शायद नहीं क्योंकि बच्चे को पहले उसकी मातृभाषा से परिचित करवाना चाहिए, ताकि उसे अपनी मातृभाषा के प्रति अपने दायित्व, भाव, प्रेम आदि का अहसास हो. याद रखिये आपकी मातृभाषा ही आपको आपकी जमीन से जोड़ती है. उसे उसकी जुबान दीजिये, उसे भाषा संस्कार की जमीनी हकीकत से परिचित कराइये, तभी मराठी भाषा दिवस मनाने का सही औचित्य होगा.

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