इंफाल: मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद हालात बेकाबू हो रहे हैं. हिंसा के बाद राज्य में सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है. सरकार ने गंभीर स्थिति में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं. पूर्वोत्तर राज्य में बढ़ते हालात को देखते हुए मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है. मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति के बाद, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को रोकने का फैसला किया है. Manipur Violence: हिंसा प्रभावित मणिपुर में सेना तैनात, चार हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने कहा, "स्थिति में सुधार होने तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी. मणिपुर सरकार द्वारा ट्रेन की आवाजाही रोकने की सलाह के बाद यह निर्णय लिया गया है."
मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनें कैंसिल
Following the law & order situation in #Manipur, Northeast Frontier Railway has stopped all Manipur-bound trains.
"No trains are entering Manipur till the situation is improved. The decision has been taken after the Manipur government advised to stop train movement, says… pic.twitter.com/nG9UWYbEVi
— ANI (@ANI) May 5, 2023
बता दें कि मणिपुर के कई जिलों में जनजातीय समूहों द्वारा रैलियां निकाली गई जिसके बाद मणिपुर में कई जगहों पर हिंसा देखने को मिली. वहीं अब भारतीय सेना ने नागरिकों से केवल आधिकारिक और सत्यापित स्रोतों के माध्यम से मिलने वाली जानकारी पर भरोसा करने का आग्रह किया है.
मणिपुर में स्थिति उस समय खराब हो गई जब हजारों आदिवासियों ने मणिपुर के ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए मार्च में सभी 10 पहाड़ी जिलों में मेइती समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध किया.
मीतेई (मीतेई) ट्रेड यूनियन द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए मणिपुर हाई कोर्ट ने 19 अप्रैल को राज्य सरकार को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के लिए याचिकाकर्ताओं के मामले पर शीघ्रता से विचार करने का निर्देश दिया था.
घाटी में मेइतेई का प्रभुत्व है और वे एसटी दर्जे की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि बांग्लादेश और म्यांमार से घुसपैठ हो रही है जिससे राज्य में जनसांख्यिकीय पैटर्न नष्ट हो रहा है.
रैली के बाद, विभिन्न समुदायों के बीच झड़पें हुई. जवाबी हमले में विभिन्न जिलों में घरों और दुकानों को जला दिया गया, जिससे अधिकारियों को पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा. कई तनावग्रस्त पहाड़ी इलाकों में रात का कर्फ्यू भी लगा दिया गया है जिसमें इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, जिरिबाम, तेनुगोपाल और चुराचंदपुर जिले शामिल हैं.