मकर संक्रांति हिंदुओं का पौराणिक त्योहार है. यह त्योहार सूर्य को समर्पित है. इस दिन सुबह स्नान करके पूर्व दिशा में सूर्य को प्रणाम किया जाता है. सूर्य जिस दिन मकर राशि में प्रवेश करता है उस दिन यह त्योहार मनाया जाता है. मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाया गया है लेकिन इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा. ऐसा कहा जा रहा है 14 जनवरी को सूर्य शाम 7.52 को मकर राशि में प्रवेश करेंगे और इसका पुण्यकाल 15 जनवरी तक होगा. इसलिए इस बार 15 को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. मकर संक्रांति अलग- अलग राज्यों में अलग- अलग नाम से मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी कहा जाता है. इस दिन खिचड़ी बनाकर खाई जाती है. स्नान के बाद दान किया जाता है. आस-पड़ोस में तिल के लड्डू और बताशे भी बांटे जाते हैं.
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गुजरात में इसे उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है. उत्तरायण का अर्थ है अंधेरे से उजाले की ओर जाना. इस दिन पतंग उड़ाया जाता है. तमिलनाडु में इसे पोंगल के रूप में मनाया जाता है. मकर संक्रांति किसानों का प्रमुख त्योहार है. इस दिन घी में दाल चावल की खिचड़ी पकाई जाती है और लोगों को खिलाई जाती है. महाराष्ट्र में इस दिन सबको गजक और तिल के लड्डू बांटकर शुभकामनाएं देते हैं और असम में इसे बिहू के रूप में मनाया जाता है.
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बड़ा महत्त्व है. शास्त्रों के अनुसार दक्षिणायन को देवताओं की रात्री और उत्तरायण को देवताओं का दिन माना जाता है. उत्तरायण को बहुत पवित्र माना जाता है. इसलिए इस दिन स्नान, जप, यज्ञ, दान, श्राद्ध आदि किया जाता है. ऐसा कहा जाता है, इस दिन किए गए दान का फल सौ गुना बढ़कर मिलता है. इस दिन शुद्ध घी और कंबल का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.