Maharashtra: शराब की बिक्री को लेकर उद्धव सरकार का बड़ा फैसला, अब सुपर मार्केट और जनरल स्टोर्स में भी बेची जाएगी वाइन
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

मुंबई: शराब बिक्री (Liquor Sale) को लेकर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार (Maharashtra Uddhav Government) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सुपरमार्केट (Supermarket) और जनरल स्टोर (Walk-in-Store) में शराब बेचने की अनुमति दे दी है. महाराष्ट्र कैबिनेट (Maharashtra Cabinet) के इस फैसले की आलोचना करते हुए बीजेपी ने कहा कि सरकार शराब को बढ़ावा दे रही है. स्किल डेवलपमेंट मंत्री (Minister for Skill Development) नवाब मलिक (Nawab Malik) ने इस बाबत जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने वाली फल आधारित वाइनरी को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया गया है. उनका कहना है कि सुपरमार्केट्स और स्टोर जिनका क्षेत्रफल 1,000 वर्ग फुट या उससे अधिक है, उन्हें अपने परिसर में एक अलग स्टॉल के माध्यम से वाइन बेचने की अनुमति दी जाएगी.

हालांकि जो सुपरमार्केट पूजा स्थलों या शैक्षणिक संस्थानों के पास हैं, वहां पर शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा जिन जिलों में शराबबंदी लागू है, वहां शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी. शराब बेचने के लिए सुपरमार्केट को पांच हजार रुपए का शुल्क देना होगा. यह भी पढ़ें: Maharashtra में कोरोना के मामलों में गिरावट, बीते 24 घंटे में 25425 नए केस, 42 मरीजों की मौत

एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में करीब चार दर्जन वाइनरी हैं, जिनमें से अधिकांश नासिक जिले में स्थित हैं और भारत में उत्पादित शराब का करीब 80 फीसदी हिस्सा यहीं से जाता है. इसके अलावा अहमदनगर, सांगली, पुणे, सोलापुर, बुलढाणा जैसे अन्य जिलों में भी वाइनरी हैं. यह भी पढ़ें: Mumbai में कोरोना का कहर जारी! बीते 24 घंटे में 1382 नए केस, 12 मरीजों की मौत

बता दें कि महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश द्वारा अपने सभी हवाई अड्डों पर शराब की बिक्री की अनुमति देने के एक हफ्ते बाद आया है. उधर, राज्य सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए पूर्व सीएम व बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि सरकार ने शराबबंदी वापस ले ली है. उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र को मद्य-राष्ट्र यानी शराब राज्य नहीं बनने देंगे. इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार ने महामारी के दो साल के दौरान लोगों की मदद नहीं की, लेकिन इसकी प्राथमिकता शराब की बिक्री को बढ़ावा देना है.