Republic TV के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को अलीबाग स्कूल से तलोजा जेल भेजा गया
अर्नब गोस्वामी (फ़ाइल फोटो )

मुंबई: रायगढ़ पुलिस ने रविवार को रिपब्लिक टीवी (Republic TV)  के प्रबंध निदेशक और मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami)  को अलीबाग स्कूल से जिले की तलोजा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया। उन्हें अलीबाग स्कूल में अस्थायी रूप से रखा गया था. गोस्वामी को 4 नवंबर को गिरफ्तारी के बाद से स्कूल परिसर में रखा गया था, क्योंकि इस स्कूल को कैदियों के लिए कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

उन्हें अलीबाग कोर्ट की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनैना पिंगले ने 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उनकी हिरासत की जगह बदले जाने की आलोचना करते हुए अर्नब की पत्नी सम्यब्रता रे गोस्वामी ने दावा किया कि उनके पति को "आज सुबह तलोजा जेल ले जाने के दौरान महाराष्ट्र पुलिस द्वारा एक ब्लैक आउट पुलिस वैन में घसीटते हुए ले जाया गया. यह भी पढ़े: Republic TV के मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, विशेषाधिकार हनन मामले में गिरफ्तारी रोकी- महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव को भेजा नोटिस

उन्होंने कहा कि उनके पति ने बार-बार कहा कि 'उनकी जान को खतरा था' और जब उन्होंने जेलर से अपने वकीलों से मिलने देने की मांग की तो उनके साथ मारपीट की गई और मिलने से मना कर दिया गया. सम्यब्रता ने अपने बयान में कहा, "अर्नब (गोस्वामी) ने सार्वजनिक रूप से अपनी जिंदगी को खतरा बताया था और हिरासत में किए जा रहे अत्याचारों के बारे में कहा था, यदि मेरे पति को कोई नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए कानून और व्यवस्था के अधिकारियों और पूरे राज्य और राष्ट्रीय मशीनरी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

वहीं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष किरीट सोमैया जेल पहुंचे और गोस्वामी की उचित देखभाल और सुरक्षा की मांग की. सोमैया ने मीडियाकर्मियों से कहा, "जेलर ने मुझे जेल में गोस्वामी का उत्पीड़न न करने का आश्वासन दिया और यदि आवश्यक हो तो उचित चिकित्सा मुहैया कराई जाएगी.

गोस्वामी को बुधवार तड़के 5 मई 2018 को अलीबाग में एक आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उसकी मां कुमुद नाइक की दोहरी आत्महत्या के मामले में मुंबई पुलिस और रायगढ़ पुलिस की एक टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था. एक सुसाइड नोट में नाइक ने गोस्वामी और दो अन्य लोगों फिरोज शेख और नितेश सारदा का नाम लिया था, जिन्होंने कथित रूप से व्यावसायिक सेवाओं के बाद 5 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया नहीं चुकाया था.