मुंबई: महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra) ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HighCourt) को सूचित किया कि उसने केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे (Narayan Nare) के स्वामित्व वाले बंगले में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश को वापस ले लिया है. एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी ने जस्टिस ए.ए. सईद और एम.एस. कार्णिक की खंडपीठ को राज्य सरकार के रुख से अवगत कराया. यह बयान कलेक्टर के 21 मार्च के आदेश के खिलाफ दायर याचिका के बाद आया है, जिसमें राणे को बंगले में किए गए कथित अनधिकृत निर्माण को हटाने का आदेश दिया गया था और कहा था कि नहीं हटाने पर संबंधित अधिकारी इसे गिरा देंगे.
कुंभकोनी ने यह भी कहा कि सरकार मामले में कार्रवाई करने से पहले राणे द्वारा कथित अवैधताओं को नियमित करने के किसी भी आवेदन पर विचार करेगी और अदालत ने राज्य को कानून के अनुसार कोई भी नई आवश्यक कार्रवाई शुरू करने की स्वतंत्रता दी.
यहां तक कि महा विकास अघाड़ी सरकार और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच एक बड़ी लड़ाई छिड़ गई, क्योंकि राणे ने विभिन्न आधारों का हवाला देते हुए कलेक्टर के आदेश को चुनौती दी थी.
आदेश से पहले कोई कारण बताओ नोटिस नहीं दिया गया था और न ही कोई जवाब मांगा गया था. आदेश पारित करने से पहले कोई सुनवाई नहीं की गई थी, यह अधिकार क्षेत्र या शक्तियों के बिना और मनमानी थी। यह याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का हनन था. राज्य सरकार की दलीलों के बाद हाईकोर्ट ने राणे की याचिका का निपटारा किया.