Snake Bite Cases in Nashik: महाराष्ट्र में फिलहाल बारिश की रफ्तार थोड़ी कम हुई है, जिससे लोगों को राहत मिली है. लेकिन महाराष्ट्र के नासिक में, खासकर मानसून की शुरुआत के साथ, सांपों के काटने के मामले बढ़े हैं. जानकारी के अनुसार, इस साल जनवरी में नासिक सिविल अस्पताल में सांपों के काटने के 62 मामले सामने आए, उसके बाद फरवरी में 54, मार्च में 64, अप्रैल में 78, मई में 94, जून में 294 और जुलाई में 250 मामले दर्ज किए गए. अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सांपों द्वारा काटे जाने वाले ज्यादातर लोग खेतों में काम करने वाले होते हैं.
अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, ये मामले जिले के अन्य हिस्सों के अलावा सिन्नर, वानी, कलवान, जौहर और सुरगाना जैसे स्थानों से आते हैं. आदिवासी इलाकों में सांपों के काटने की घटनाएं अधिक होती हैं क्योंकि पहाड़ी इलाके, जंगल और घाटियाँ सांपों के प्राकृतिक आवास होते हैं और वे बारिश के मौसम में अपने बिलों से बाहर निकलते हैं. यह भी पढ़े: UP Shocker! सर्पदंश से हुई बड़े भाई की मौत, अंतिम संस्कार के लिए गांव पहुंचे छोटे भाई को भी सांप ने काटा
खेत में काम करने वाले ग्रामीणों को सांप कांटने का सबसे ज्यादा खतरा:
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि सांप काटने का सबसे ज्यादा खतरा खेतों में काम करने वाले ग्रामीणों को रहता है. ऐसे में सांप के काटने के इलाज के लिए सिविल अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों को खेतों में काम करते समय गम बूट पहनने की सलाह दी गई है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि कई ग्रामीणों की खुले में सोने की आदत होती है, इसलिए उन्हें मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दी गई है.
इलाज के लिए लोकल डॉक्टर के पास ना जाए:
अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों की तरफ से ग्रामीणों से आपील की गई है कि यदि उन्हें या उनके परिवार किसी को सांप काट लेता है तो वे इलाज के लिए गांव-स्तर पर मौजूद झोलाछाप डॉक्टरों के पास ना जाये. बल्कि वे इलाज के लिए जिला सरकारी अस्पताल आये. ताकि उनकी जान बचाई जा सके.