मुंबई, 1 नवंबर: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण के बढ़ते मुद्दे पर चर्चा के लिए बुधवार को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई. जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आरक्षण दिया जाएगा. सीएम ने कहा कि सरकार को कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए समय चाहिए और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा छोड़ने की अपील भी की. बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, शिवसेना (यूबीटी) के नेता विपक्ष (परिषद) अंबादास दानवे, विपक्ष के नेता (विधानसभा) विजय वडेट्टीवार और अन्य समेत 30 से ज्यादा नेताओं ने हिस्सा लिया.
सर्वदलीय बैठक में एक विस्तृत प्रस्ताव पारित करते हुए उन्होंने कहा, ''मराठों को आरक्षण देने को लेकर हम एकमत हैं. ऐसा आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही किया जा सकता है जो कानूनी जांच का सामना कर सके. इसके लिए सभी राजनीतिक दल मिलकर काम करने को तैयार हैं'' प्रस्ताव में कहा गया है कि कानूनी औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी की जाएंगी. हालांकि, इसे पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए, जिस पर हमें विचार करना होगा. यह भी पढ़े : मराठा समुदाय को आरक्षण अन्य समुदायों के कोटा को छुए बिना दिया जाएगा : मुख्यमंत्री शिंदे
राज्य में जिस तरह की हिंसा भड़की है वह उचित नहीं है. इससे मराठा आरक्षण आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है. हम ऐसी हिंसा के सख्त खिलाफ हैं. किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा, हम राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने की अपील करते हैं. सीएम और मौजूद सभी नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव में कहा गया है कि उन्होंने (शिवबा संगठन नेता) मनोज जारांगे-पाटिल से सरकार के साथ सहयोग करने और अपनी भूख हड़ताल वापस लेने की भी अपील की. पाटिल की हड़ताल का बुधवार को आठवां दिन है.