भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से झकझोर कर रख देने वाली खबर सामने आई है. जहां के खंडवा (Khandwa) जिले में अंधविश्वास के चक्कर में 20 दिन के अंदर चार बच्चों की जान चली गई. बताया जा रहा है कि खंडवा के लिंगोटी (Lingoti) गांव में एक बाबा से 'झाड़-फूंक' से इलाज के बाद सभी बच्चों की मौत हो गई. बिहार में अंधविश्वास का खेल जारी, बच्ची की बलि देने के आरोप में चार गिरफ्तार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गांव में पहली मौत 23 जुलाई, दूसरी 28 जुलाई, तीसरी 29 जुलाई और चौथी 5 अगस्त को हुई. चारों बच्चों को हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल ले जाया गया था. जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. चार मौतों के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया, जिसके बाद डॉक्टरों की टीम बनाकर 10 अगस्त को गांव में भेजा गया. खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी (Anay Dwivedi) ने बताया कि टीम को गांव के बच्चों में कोई संचारी रोग या अन्य बीमारी नहीं मिली.
खंडवा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डीएस चौहान (DS Chouhan) के अनुसार, मृतक बच्चों में से दो को निमोनिया (Pneumonia) था और उन्हें जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया था. बच्चों में से एक को जिला अस्पताल से इंदौर ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. जबकि एक और बच्चे को पीलिया (Jaundice) था.
अधिकारीयों का कहना है कि शुरुआत में ग्रामीणों ने अपने बच्चों का इलाज घर पर किया और उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय बाबा के पास ले गए. चौहान ने कहा कि बच्चों को बुखार और दस्त के साथ गले और टॉन्सिल में सूजन थी. उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीनों ने बहुत लापरवाही बरती और खंडवा अस्पताल ले जाने की बजाय बाबा से इलाज करवाते रहे. उचित इलाज न मिलने से बच्चों की हालत गंभीर होती गई और अंत में दम तोड़ दिया.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि नीम हकीम (Quack) गुलाब सिंह (Gulab Singh) के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने मौतों के लिए सिंह की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है.