Maharashtra Winter Session: महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए कहा कि उसने राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए एक विधेयक लाने का फैसला किया है, जिसमें प्रशासन में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल की जांच करने की शक्ति होगी. सोमवार से महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. सत्र की पूर्व संध्या पर प्रथागत प्रेस वार्ता में घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा, "यह भ्रष्टाचार विरोधी धर्मयुद्ध अन्ना हजारे की राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की मांग के अनुरूप है."
शिंदे ने कहा कि तीन सदस्यीय लोकायुक्त का गठन किया जाएगा, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के स्तर का एक अध्यक्ष शामिल होगा, जबकि दो सदस्य उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्तर के होंगे. फड़णवीस ने कहा कि इसकी लंबे समय से मांग थी. उन्होंने कहा कि शिंदे की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में इस मामले पर विस्तार से चर्चा हुई और प्रस्ताव पारित किया गया और आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक पेश किया जाएगा. शिंदे इस सीधे सवाल से बचते रहे कि क्या अधिनियम पूर्वव्यापी होगा, जिसमें सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को शामिल किया जाएगा, जबकि फड़णवीस ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम को इस अधिनियम में शामिल किया जाएगा.
Today in the cabinet meeting, we have taken important decisions. We have approved the Anna Hazare Committee report of introducing Lokayukta in Maharashtra on the lines of Lokpal. A Bill will be brought in this session: Maharashtra Deputy CM Devendra Fadnavis pic.twitter.com/xj1QAf52Ej
— ANI (@ANI) December 18, 2022
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर शिंदे ने कहा कि इसे गंभीरता से लिया गया और दोनों मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस बीच, विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने राज्यों में हिंसा भड़काने वाले सीमा विवाद के मुद्दों पर शिंदे-फड़णवीस सरकार को घेरने का फैसला किया है. राज्यपाल बीएस कोश्यारी और अन्य भाजपा नेताओं द्वारा शिवाजी, महात्मा फुले और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जैसे राज्य के प्रतीक का कथित 'अपमान', राज्यपाल कोश्यारी को हटाने की मांग और अन्य प्रमुख मुद्दे जैसे मुद्रास्फीति, बाढ़ के लिए राहत-हिट किसान और बेरोजगारी को लेकर विपक्ष तैयार है.
विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा, विपक्ष महाराष्ट्र और कृषि संकट पर अन्य राज्यों को तरजीह देने वाली बड़ी निवेश परियोजनाओं पर भी सरकार को निशाना बनाएगा. विपक्ष मेगा औद्योगिक परियोजनाओं वेदांता-फॉक्सकॉन, टाटा-एयरबस और अन्य को गुजरात और अन्य राज्यों में स्थानांतरित करने की अनुमति देने के लिए शिंदे-फड़णवीस सरकार को घेरेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे उद्योगों को दूसरे राज्यों में स्थानांतरित करने से लाखों युवा रोजगार और राज्य भारी निवेश से वंचित हो गया. पवार ने कहा कि कोश्यारी को राज्यपाल पद से हटाने के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा और सभी विपक्षी दल दो सप्ताह के सत्र के दौरान इस पर ध्यान केंद्रित करेंगे.