नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के लिए मतदान से कुछ घंटे पहले चुनाव आयोग ने देश की वित्तीय जांच एजेंसियों को नसीहत दी है. पोल पैनल ने कहा है कि हाल ही में किए गए आयकर छापों के बारे उसे पहले से सूचित नहीं किया गया था. साथ ही भविष्य में कार्यवाई के पहले जानकारी देने के लिए कहा है.
चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों में आयकर विभाग के छापे के मद्देनजर मंगलवार को राजस्व सचिव एबी पांडे और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष पीसी मोदी से मुलाकात की. एक अधिकारी के मुताबिक आयोग ने पांडे और मोदी को हालिया आयकर छापे से जुड़े मामले पर स्पष्टीकरण मांगा.
चुनाव आयोग ने जांच एजेंसियों को कहा है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण उन्हें किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार से संबंधित छापेमारी या कार्रवाई की जानकारी चुनाव आयोग या राज्य के निर्वाचन अधिकारी से साझा करें. इससे पहले आयोग ने रविवार को वित्त मंत्रालय को सख्त सलाह देते हुए कहा था कि उसके प्रवर्तन एजेंसियों को चुनाव के समय 'निष्पक्ष' और 'भेदभाव-रहित' रहना चाहिए. इसके अलावा इस तरह के छापे के बारे में चुनाव आयोग के अधिकारियों को बताना चाहिए.
गौरतलब हो कि देश में 10 मार्च से आचार संहिता लागू है, इसके बाद से आयकर विभाग ने कई राजनेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की और करोड़ों की रकम जब्त की. कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने इसको लेकर बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था.
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग ने लगातार तीन दिनों तक रेड डाली. मुख्यमंत्री कमलनाथ के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) प्रवीण कक्कड़ के ठिकानों पर छापेमारी के बाद लंबी पूछताछ की गई. आयकर विभाग ने छापों में 14 करोड़ रुपये से ज्यादा की नगदी बरामद की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार तड़के भोपाल में प्रवीण कक्कड़ के अलावा गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के संचालक अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी के ठिकानों पर दबिश दी गई थी. आयकर विभाग की टीमों को शराब की 252 बोतलें, हथियार और बाघ की खाल भी मिली थीं. इस दौरान राज्य मे बड़े पैमाने पर संगठित तरीके से कारोबारियों, राजनेताओं और नौकरशाहों के बीच 281 करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्यौरा मिला है.
आयकर विभाग के कई टीमों ने एक साथ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर के अलावा देश के कई अन्य हिस्सों में छापे मारे. इस दौरान विभाग के लगभग 300 कर्मचारी व अधिकारी लगे हुए है, वहीं सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की भी मदद ली गई थी.