नई दिल्ली, 19 अप्रैल : लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान जारी है. इस चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर लगभग 16 करोड़ मतदाता अपने मतदान का प्रयोग कर रहे हैं. इस चरण में अपना भाग्य आजमाने के लिए 1,600 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं. इसमें से 134 महिला और 1,491 पुरुष उम्मीदवार मैदान में हैं.
ऐसे में वोटर टर्नआउट ऐप की मानें तो 11 बजे 21 राज्यों में वोटिंग का एवरेज 25 प्रतिशत रहा है. जबकि, सबसे ज्यादा मतदान इस समय तक बंगाल में 33.56 प्रतिशत हुई है. लक्षद्वीप में वोटिंग की रफ्तार सबसे धीमी है और यहां 11 बजे तक 16.33 प्रतिशत मतदान दर्ज की गई है. यह भी पढ़ें : तमिलनाडु में मतदान में तेजी आयी, सुबह 11 बजे तक 24.37 प्रतिशत मतदान
बता दें कि इस चरण के मतदान के पूर्ण होने के बाद देश के नौ केंद्रीय मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक पूर्व राज्यपाल की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी. इसके साथ ही बता दें कि इस लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के साथ ही अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की 92 विधानसभा सीटों पर भी मतदान हो रहा है.
इस चरण के लिए मतदान करने वाले 16 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं में से 8.4 करोड़ पुरुष और 8.23 करोड़ महिला मतदाता हैं. वहीं, इस चरण में पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 35.67 लाख के करीब है. इस चरण में 20 से 29 साल के बीच की उम्र वाले मतदाताओं की संख्या पर नजर डालें तो यह आंकड़ा 3.51 करोड़ है. इस चरण में 102 सीटों पर मतदान के लिए 1.87 लाख पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इस चरण के मतदान के बाद 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे होंगे, जिनकी सभी सीटों पर मतदान आज समाप्त हो जाएगा.
अब एक बार इन सीटों पर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो पता चलेगा कि इनमें से भाजपा ने 40, कांग्रेस ने 15 और द्रमुक ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से 9 ऐसी सीटें हैं, जिन्हें कांग्रेस और भाजपा का किला माना जाता है. इन सीटों पर लगातार तीन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस या भाजपा ने जीत दर्ज की है. तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर आज मतदान हो रहा है. भाजपा 2019 में इनमें से एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी. ऐसे में उसके लिए यहां की सीटों को अपने हिस्से में करना बड़ी चुनौती है.
2019 के लोकसभा चुनाव में इन 102 सीटों में से 40 फीसदी के करीब सीटें भाजपा ने जबकि 15 फीसदी के करीब सीटें कांग्रेस ने अपने पाले में किया था. हालांकि, गठबंधन के लिहाज से इन लोकसभा चुनाव के नतीजों पर तब गौर करें तो एनडीए और इंडिया गठबंधन का शेयर उस चुनाव में कमोबेश बराबर ही था. ऐसे में इन सीटों पर दोनों गठबंधन के सामने या तो अपने 2019 के प्रदर्शन को ना सिर्फ बरकरार रखने, बल्कि सीटों की संख्या में इजाफा करने की भी चुनौती है.
इन 102 सीटों पर हो रहे मतदान में 2019 की तुलना में इस बार भाजपा ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. भाजपा ने इन 102 में से 77 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि, 102 में से सबसे ज्यादा सीटों पर बसपा चुनाव लड़ रही है. उसने 86 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस ने 56, डीएमके ने 22, एआईएडीएमके ने 36, राजद ने 4, सपा ने 7, टीएमसी ने 5 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में इन 102 सीटों में से भाजपा ने 60 पर और कांग्रेस ने 65 सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे. ऐसे में इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जहां 102 में से ज्यादा सीटों पर 2019 की तुलना में उम्मीदवार उतारे हैं, वहीं कांग्रेस ने पिछले चुनाव के मुकाबले कम सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
इन 102 सीटों में 53 ऐसी सीटें हैं, जिन पर 2019 में जीत-हार का अंतर 20 प्रतिशत से भी कम वोटों का था. जबकि, 8 ऐसी सीटें थी, जिनमें उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर व सहारनपुर सीट, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, नागालैंड, मिजोरम और तमिलनाडु शामिल हैं, जहां जीत-हार का अंतर 2 फीसदी से भी कम था.